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Video: पहलवानों पर सवाल हुआ, केंद्रीय मंत्री दौड़ते-दौड़ते क्या बोलीं?

मीनाक्षी लेखी बस चार शब्द ही बोलीं, वो भी भागते हुए

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मीनाक्षी लेखी तेजी से जाकर गाड़ी में बैठ गईं | फोटो: ट्विटर/आजतक
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अभय शर्मा
31 मई 2023 (Updated: 31 मई 2023, 12:31 IST)
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मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) मोदी सरकार में मंत्री और दिल्ली की सांसद. इनका एक वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल इसलिए क्योंकि इसमें मंत्री दौड़ लगाती नजर आ रही हैं. बताया जा रहा है कि ये तब हुआ जब एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर मीनाक्षी लेखी बाहर निकलीं.

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि जैसे ही लेखी कार्यक्रम वाली जगह से बाहर सड़क पर आती हैं, तभी एक पत्रकार उनके पास पहुंचती हैं. वो मंत्री से पूछती हैं- 'प्रदर्शनकारी पहलवानों पर आपका क्या कहना है?' इस पर लेखी अपने साथ मौजूद लोगों से कहती हैं- "चलो, चलो, चलो" और फिर वो तेजी से सड़क के दूसरी ओर खड़ी अपनी कार की ओर बढ़ने लगती हैं. या कहें तो दौड़ने लगती हैं. इस दौरान वो पत्रकार के सवाल का सीधा जवाब दिए बिना बस इतना कहती हैं, "कानूनी प्रक्रिया चल रही है".

कांग्रेस पार्टी ने इस वीडियो को शेयर किया है. उसने तंज कसते हुए लिखा,

'महिला पहलवानों के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दी तीखी प्रतिक्रिया...  आप खुद देखें.'

कई और लोगों का भी मानना है कि मीनाक्षी लेखी सवाल से बचकर दौड़ लगा रही हैं. हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने सवाल की वजह से ही ये दौड़ लगा दी या कोई और कारण था.

विवादों में रहा था बयान

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने बीते महीने पहलवानों के मुद्दे पर एक बयान दिया था. इसके बाद वो विवादों में आ गई थीं. उन्होंने महिला पहलवानों के आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताया था. लेखी का कहना था कि मोदी सरकार पहलवानों और महिलाओं के मामले में बहुत संजीदगी से काम कर रही है. इस मामले की जांच के लिए दो समिति भी बनी हैं. जांच जारी है और FIR भी दर्ज हुई है. उनके मुताबिक नियमानुसार जो कुछ भी होना चाहिए सरकार कर रही है.

पहलवानों के मामले में अब तक क्या हुआ?

बीते एक महीने से भी अधिक समय से देश के कई पहलवान दिल्ली में भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे थे. उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इन लोगों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. 28 मई को दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरना दे रहे इन पहलवानों को वहां से हटा दिया. इसके बाद मंगलवार, 30 मई को पहलवानों ने अपने मेडल गंगा नदी में बहाने का ऐलान किया.

हालांकि, पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में नहीं बहाए. वे मंगलवार की शाम को हरिद्वार पहुंचे जरूर, लेकिन वहां ऐन वक्त पर किसान नेता नरेश टिकैत पहुंच गए. टिकैत के कहने पर पहलवान मेडल गंगा में नहीं बहाने को राजी हुए. इस दौरान 'हर की पौड़ी' में पहलवान रोते भी नजर आए. नरेश टिकैत ने पहलवानों के मेडल अपने पास रख लिए. टिकैत ने पहलवानों से पांच दिन का समय मांगते हुए कहा कि इस मुद्दे पर जल्द ही सभी खापों की बैठक की जाएगी और फिर निर्णय लिया जाएगा.

वीडियो: हरिद्वार में गंगा के किनारे पहलवानों को रोता देख पीएम मोदी से क्या बोले अरविंद केजरीवाल?

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