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जिस संस्थान की रिपोर्ट के नाम पर राहुल गांधी घिरे, उसी ने अब BJP को घेर लिया है

बीजेपी ने मीडियापार्ट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि जॉर्ज सोरोस, OCCRP और राहुल गांधी की "तिकड़ी" मिलकर भारत को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं.

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5 दिसंबर को बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर कई आरोप लगाए थे. (फाइल फोटो)
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साकेत आनंद
9 दिसंबर 2024 (Updated: 9 दिसंबर 2024, 21:56 IST)
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फ्रांसीसी मीडिया संस्थान 'मीडियापार्ट' (Mediapart) ने खोजी पत्रकारों की संस्था OCCRP पर अपनी रिपोर्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जमकर आलोचना की है. कहा है कि उसकी रिपोर्ट का इस्तेमाल बीजेपी ने अपने "राजनीतिक एजेंडे" के लिए किया है. मीडियापार्ट ने ये भी कहा है कि बीजेपी फेक न्यूज फैला रही है. संस्थान के मुताबिक, ऐसा कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है जिससे बीजेपी "साजिश" वाली थ्योरी फैला रही है.

दरअसल, बीजेपी ने मीडियापार्ट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि जॉर्ज सोरोस, OCCRP और राहुल गांधी की "तिकड़ी" मिलकर भारत को अस्थिर करने की साजिश कर रहे हैं. हालांकि, मीडियापार्ट की रिपोर्ट OCCRP की फंडिंग को लेकर थी और इसमें भारत का जिक्र तक नहीं था. 5 दिसंबर को बीजेपी ने इस रिपोर्ट के आधार पर संसद से लेकर मीडिया के सामने राहुल गांधी और विपक्ष को निशाने पर लिया था.

अब मीडियापार्ट की पब्लिशर और डायरेक्टर कैरीन फूटो (Carine Fouteau) ने एक बयान जारी किया है. 8 दिसंबर को कैरीन ने लिखा, 

"मीडियापार्ट भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी द्वारा OCCRP पर छपी हमारी खोजी रिपोर्ट को हथियार बनाने की निंदा करता है. पार्टी ने इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक इस्तेमाल और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले के लिए किया है."

इसके अलावा उन्होंने कहा कि बीजेपी ने फेक न्यूज फैलाने के लिए मीडियापार्ट की रिपोर्ट का गलत इस्तेमाल किया, जो उन्होंने कभी प्रकाशित की नहीं की. कैरीन ने बयान में लिखा है, "बीजेपी के द्वारा फैलाई जा रही कॉन्सपिरेसी थ्योरी को सपोर्ट करने के लिए कोई तथ्य उपलब्ध नहीं है. हम उन सभी साहसी भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों का समर्थन करते हैं, जो भारत में पत्रकारिता कर रहे हैं."

दरअसल, 2 दिसंबर को मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में OCCRP (ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट) की फंडिंग और पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे. रिपोर्ट में कहा गया कि संस्था को अमेरिकी सरकार की तरफ काफी फंडिंग मिली है. और संस्था की रिपोर्ट फंड देने वालों से "काफी प्रभावित" होती है.

ये भी पढ़ें- OCCRP से जुड़ी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जिस पर BJP ने राहुल गांधी को 'देशद्रोही' कह दिया?

इस रिपोर्ट में अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस का भी जिक्र है, जिससे OCCRP को फंडिंग मिलती है. हालांकि, 2 दिसंबर को ही OCCRP ने मीडियापार्ट की तरफ से लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था.

बीजेपी ने इस रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को घेरा था. 5 दिसंबर को बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि OCCRP अपने काम की फंडिंग के लिए अमेरिका में जार्ज सोरोस और "भारत विरोधी" ताकतों पर बड़े पैमाने पर निर्भर है. उन्होंने जॉर्ज सोरोस की संस्था 'ओपन सोसायटी फाउंडेशन' का भी जिक्र किया, जो OCCRP को फंड करता है.

संबित पात्रा ने कहा था, 

"एक त्रिकोण बना हुआ है. जॉर्ज सोरोस हैं और कुछ अमेरिका स्थित एजेंसियां हैं, खोजी मीडिया प्लेटफॉर्म OCCRP है और राहुल गांधी हैं. इनकी तिकड़ी ने भारत को अस्थिर करने और सत्ता परिवर्तन के लिए असंतोष को भड़काने की कोशिश की."

उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने OCCRP की रिपोर्टों के आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस तक किया है.

OCCRP खोजी पत्रकारों का एक संगठन है. इससे जुड़े 24 गैर-लाभकारी खोजी पत्रकारिता केंद्र यूरोप, एशिया, लैटिन अमेरिका और अफ्रिका में फैले हुए हैं. इसी संस्था ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में गौतम अडानी और उनके समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन और कई तरह की अनियमितताओं के आरोप लगाए थे.

वीडियो: राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अडानी और पीएम मोदी को घेरा, धारावी का नक्शा दिखा क्या बताया?

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