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जानिए कौन हैं आनंद कुमार और आकाश आनंद जिन्हें मायावती ने बीएसपी में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है

मायावती के फैमिली मेम्बर्स हैं, मगर जानिए साथ में और क्या-क्या स्पेशल बातें जुड़ी हैं इनसे?

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अपने भाई आनंद के साथ बीएसपी प्रमुख मायावती. (बाएं) दूसरी फोटो में दिख रहे हैं भतीजे आनंद
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डेविड
23 जून 2019 (Updated: 23 जून 2019, 13:57 IST)
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मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को एक बार फिर बीएसपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. वहीं भतीजे आकाश को नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया है. 23 जून को मायावती ने लखनऊ में पार्टी नेताओं की अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में बीएसपी में संगठन के स्तर पर कई बदलाव किए गए. मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम को भी नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया गया है. दानिश अली को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया गया. जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव लोकसभा में बीएसपी के उपनेता चुने गए हैं.
लोकसभा चुनाव में यूपी से 10 सीटें जीतने के बाद बीएसपी अध्यक्ष एक्टिव हो गई हैं. मायावती सपा से अलग होकर यूपी में अकेले 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ने का एलान कर चुकी हैं. इसके अलावा 2022 के विधानसभा चुनाव में सभी 403 सीटों पर लड़ने के लिहाज से तैयारी चल रही है.
कौन हैं आनंद कुमार
सिंतबर 2017 में मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को बीएसपी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने का एलान किया था.. इस मौके पर उन्होंने कहा था,
मैंने अपने भाई आनंद कुमार को इस शर्त पर बीएसपी में लेने का फैसला किया है कि वह कभी MLC, विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं बनेगा. इसी वजह से मैं आनंद को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना रही हूं.
लेकिन बाद में वह उपाध्यक्ष नहीं रहे. आनंद एक समय नोएडा में क्लर्क हुआ करते थे. मायावती जब यूपी की पॉलिटिक्स में चमकीं, तो आनंद की किस्मत भी खुल गई. वह लगातार हाथ-पैर मारते रहे और खूब पैसे बनाए. माया के दाहिने हाथ कहे जाने वाले सतीश मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा ने भी दिल खोलकर आनंद का साथ दिया. नेताओं, उनके रिश्तेदारों और बिल्डर्स के साथ आनंद का पुराना मेल-जोल है. ऐसे ही दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने कंपनियां खोलीं. माया जब सूबे की मुख्यमंत्री थीं, तब इनकी कंपनियां कुकुरमुत्ते की तरह बढ़ रही थीं. 2013 में इंडियन एक्सप्रेस ने इनके साम्राज्य पर बड़ी रिपोर्ट छापी थी.
एक कार्यक्रम में बहन माया के साथ आनंद.
एक कार्यक्रम में बहन माया के साथ आनंद.

2007 में माया के सीएम बनने के बाद आनंद ने 49 कंपनियां खोलीं. फिर रियल एस्टेट के धुरंधरों जेपी, यूनिटेक और DLF के साथ 2012 तक 760 करोड़ का बिजनेस किया. रवायत के मुताबिक इनमें से ज्यादातर कंपनियां शेयर के नाम पर पैसे बटोरने के लिए बनाई गई थीं, जो फर्जी थीं. इन्हें अडवांस पेमेंट और इन्वेस्टमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
2007 से पहले भी आनंद की एक कंपनी थी, जिसका नाम होटल लाइब्रेरी क्लब प्राइवेट लिमिटेड था. इसका हेडक्वॉर्टर मसूरी में था. मसूरी में इसका खुद का एक होटल ‘शिल्टन’ भी था. आनंद इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हुआ करते थे. वह खुद को 1.2 करोड़ सालाना की सैलरी देते थे. कंपनी के डायरेक्टर दीपक बंसल थे. ये कंपनी खुद में एक नदी थी, जिससे कई धाराएं निकली हुई थीं.
मार्च 2012 तक इस कंपनी का बैंक बैलेंस 320 करोड़ रुपए था. इसकी तीन और फर्म थीं, जिनमें से एक का नाम रेवोल्यूशनरी रिएल्टर्स था. नाम के मुताबिक इस कंपनी ने क्रांति करते हुए 2011-12 में 60 करोड़ रुपए कमाए और इस क्रांति का जरिया था सट्टेबाजी. रेवोल्यूशनरी रिएल्टर्स से निकली एक ब्रांच थी तमन्ना डेवलपर्स. मार्च 2012 तक इसका डेवलपमेंट 160 करोड़ रुपए का हो चुका था. होटल लाइब्रेरी के पास 31 मार्च 2008 तक सिर्फ 43 करोड़ रुपए थे.
भाई आनंद कुमार के साथ मायावती
भाई आनंद कुमार के साथ मायावती

2007-08 में आनंद के बिजनेस पार्टनर उनकी ही एक और फर्म से जुड़े, जो दूसरे बिजनेस में थी. इस ग्रुप का नाम है कर्नाउस्टी मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Carnoustie Management Pvt Ltd). इसका रजिस्ट्रेश दिल्ली के जनकपुरी में सितंबर 2006 में हुआ था. CPML रियल एस्टेट के अलावा स्पोर्ट मैनेजमेंट, सिक्यॉरिटी और हॉस्पिटैलिटी के बिजनेस में भी है. मार्च 2012 तक इसका बिजनेस 620 करोड़ रुपए हो चुका था. 2007 के बाद से इसकी ब्रांच बढ़कर 14 हो गई थीं.
पहली बार बीएसपी का उपाध्यक्ष बनने से पहले आनंद कुमार राजनीति से हमेशा दूर-दूर ही रहे. न तो बीएसपी ने कभी उन्हें अपने मंच पर बुलाया और न ही आनंद ने पार्टी, बहन या राजनीति को लेकर कभी कोई बयान दिया. एक बार फिर मायावती ने उन्हें उपाध्यक्ष बनाया है.
नेशनल कॉर्डिनेटर बने आकाश कौन है?
भतीजे आकाश आनंद को बीएसपी ने लोकसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया था. वह आनंद कुमार के बेटे हैं. सपा से गठबंधन का ऐलान वाला दिन हो या मायावती का जन्मदिन. लखनऊ में बर्थडे का प्रोग्राम था और आकाश लगातार मायावती के साथ थे. अखिलेश यादव जब मायावती के घर पहुंचे और शॉल व फूल भेंट किया तब भी मायावती के बगल में आकाश थे.
तेजस्वी यादव जब मायावती से मिलने लखनऊ आए तो बसपा सुप्रीमो के साथ आकाश भी मौजूद थे.
तेजस्वी यादव जब मायावती से मिलने लखनऊ आए तो बसपा सुप्रीमो के साथ आकाश भी मौजूद थे.

आकाश ने लंदन के एक बड़े कॉलेज से एमबीए का कोर्स किया हुआ है. उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में बहुत कुछ सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर नहीं है. लेकिन कहते हैं कि उनके कहने पर ही मायावती ने ट्विटर पर एंट्री की थी. यूथ को लुभाने के लिए ही उन्हें स्टार प्रचारक बनाया गया था. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बीएसपी के लिए रणनीति बनाई. आने वाले समय में वह पार्टी में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.


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