The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • maruti to pay one lakh rupees ...

मारुति ने जितना माइलेज बताया, कार ने नहीं दिया, बंदे ने केस किया, पता है कितना पैसा मिला?

Maruti Suzuki ने अपने एड में गाड़ी की जो जानकारी दी थी वो गलत निकली. Customer ने शिकायत दर्ज कराई. ब्याज सहित कार की कीमत वापस मांगी. मामला काफी लंबा चला और फिर कोर्ट ने किस बात पर भरोसा किया?

Advertisement
maruti to pay one lakh rupees fine to customer 20 year old car misleading claim ad
20 साल बाद आया केस का फाइनल डिसीजन (सांकेतिक फोटो- आजतक)
pic
ज्योति जोशी
27 जनवरी 2024 (Published: 09:01 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) से अपने 20 साल पुराने कस्टमर को एक लाख रुपये का जुर्माना (Fine) देने को कहा गया है. कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी. कस्टमर (Customer) ने आरोप लगाया कि मारुति ने गाड़ी बेचने के लिए बनाए एड में झूठा दावा किया था. जांच हुई तो आरोप सही साबित हुए. अब कंपनी मुआवजा भरेगी.

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता का नाम राजीव शर्मा है. राजीव ने 2004 में मारुति कंपनी की गाड़ी खरीदी थी. जो एड देखकर गाड़ी ली उसमें दावा किया गया था कि कार का माइलेज 16-18 किलोमीटर प्रति लीटर है. लेकिन गाड़ी खरीदने के बाद पता चला कि कार का असली माइलेज काफी कम है. केवल 10.2 किलोमीटर प्रति लीटर.

राजीव अपनी शिकायत लेकर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम के पास पहुंचे. उन्होंने ब्याज समेत गाड़ी की पूरी कीमत रिफंड कराने की मांग की. रिफंड तो नहीं मिला लेकिन जिला फोरम ने कंपनी से राजीव को एक लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया.

मुआवजा देने की बजाय मारुति सुजुकी ने राज्य आयोग में अपील कर दी. हालांकि राज्य आयोग ने भी जिला फोरम के आदेश को बरकरार रखा. इसके बाद केस NCDRC (National Consumer Disputes Redressal Commission) पहुंचा. मामले पर डॉ. इंदरजीत सिंह की अगुवाई वाली NCDRC पीठ ने कहा,

कार का कोई भी खरीदार माइलेज के बारे में जानकारी लेता ही है. वो अलग गाड़ियों की माइलेज कंपेयर करता है. दावे और असलीयत में थोड़ा बहुत वेरिएशन समझ में आता है, लेकिन आंकड़ों में इतने बड़े फर्क से कार का खरीदार पीड़ित/ठगा हुआ महसूस करता है. हमने इस संबंध में 20 अक्टूबर 2004 के विज्ञापन को ध्यान से पढ़ा है और हमारा मानना ​​है कि ये एक भ्रामक विज्ञापन है. ये निर्माता और डीलर की ओर से व्यापार के लिए किया गया अनुचित व्यवहार है.

ये भी पढ़ें- फोटोकॉपी वाले ने 3 रुपए नहीं लौटाए, 'बेइज्जत' किया, घर जाकर ग्राहक ने जो किया 25 हजार देने पड़े

आखिर में NCDRC ने पिछले फैसलों को बरकरार रखा और कहा कि मारुति सुजुकी के एड में माइलेज का दावा भ्रामक था जो कि उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन है.

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement