मणिपुर: सेना के जवान की हत्या के बाद पत्नी का शव लेने से इनकार, हत्यारों से एक सवाल पूछा है
सिपाही सर्टो को सोमवार, 18 सितंबर को ड्यूटी जॉइन करनी थी. लेकिन 16 को ही उनके 8 साल के बेटे के सामने उन्हें अगवा कर लिया गया. फिर उनकी हत्या कर दी गई.
Manipur के इंफाल पश्चिम जिले में 17 सितंबर को सेना के एक जवान - सिपाही सर्टो थांगथांग कॉम (Sepoy Serto Thangthang Kom) की किडनैपिंग और फिर हत्या का मामला सामने आया था. अब जवान की संतप्त पत्नी ने कहा है कि वो अपने पति का पार्थिव शरीर तब तक नहीं लेंगी जब तक ये नहीं बताया जाता कि उनकी हत्या आखिर क्यों की गई.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी जिमी लीवॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जवान की पत्नी लीवोन सोमिवोन कॉम ने बताया,
“जब तक हत्या करने वाले आरोपी ये स्पष्ट नहीं कर देते कि उन्होंने मेरे पति को क्यों मारा, मैं अपने पति के शव को स्वीकार नहीं करूंगी.”
लीवोन ने बताया कि उनके पति एक विनम्र शख्स थे. उनकी किसी से भी कोई दुश्मनी नहीं थी, ना ही उनका सर्विस रिकॉर्ड खराब था. उन्होंने देश की सेवा की थी. वो ऐसे अंजाम के हकदार नहीं थे.
छुट्टी पर थे सर्टोबता दें कि सर्टो थांगथांग कॉम 15 दिन की छुट्टी पर थे. उन्हें 18 सितंबर के दिन लीमाखोंग मिलिट्री स्टेशन पर ड्यूटी जॉइन करनी थी. लेकिन 16 सितंबर के दिन उन्हें तारुंग स्थित उनके घर से किडनैप कर लिया गया था. 17 सितंबर की सुबह सर्टो का शव उनके घर से करीब 14 किलोमीटर दूर मिला था. अधिकारियों ने जवान के 8 साल के बेटे के हवाले से बताया,
“कुछ हथियारबंद लोगों ने सर्टो के सिर पर पिस्तौल रखी और उन्हें जबरदस्ती एक सफेद गाड़ी में बैठाकर ले गए. 17 सितंबर की सुबह तक सिपाही की कोई खबर नहीं मिली. फिर करीब साढ़े नौ बजे उनका शव इंफाल पूर्व में सोगोलमांग थाना क्षेत्र के तहत मोंगजम के पूर्व में खुनिंगथेक गांव में मिला.”
जवान के भाई और बहनोई ने शव की पहचान की. उन्होंने बताया कि जवान के सिर पर गोली मारी गई थी. जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
इंडिया एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सर्टो थांगथांग कॉम ने डिफेंस मिनिस्ट्री में क्लर्क की परीक्षा भी पास कर ली थी. उन्हें कुछ महीने में सर्विस जॉइन करनी थी.
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