मणिपुर: गायब हुए 2 बच्चों की हत्या, तस्वीरें आईं सामने, बंदूक लिए दिखे आरोपी
जुलाई महीने में Manipur से लापता दो बच्चों की हत्या कर दी गई है. सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
हिंसा के बीच जुलाई महीने में मणिपुर (Manipur) से लापता दो बच्चों की हत्या (Children murdered) कर दी गई है. दोनों बच्चों के शवों की एक तस्वीर सामने आई है. जिसमें मैतेई समुदाय के दो स्टूडेंट,17 साल की हिजाम लिनथोइंगंबी और 20 साल के फिजाम हेमजीत की बॉडी दिखाई दे रही है. हालांकि, दोनों बच्चों की बॉडी अभी तक मिल नहीं पाई है. तस्वीर वायरल होने के बाद मणिपुर सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामले की दो तस्वीरें सामने आई हैं. पहली तस्वीर में दोनों बच्चे किसी जंगल में बैठे दिखाई दे रहे हैं. तस्वीर में हिजाम लिनथोइंगंबी ने सफेद टी-शर्ट और हेमजीत ने चेक शर्ट पहन रखी है. इस तस्वीर में बंदूक लिए हुए दो आदमी भी नजर आ रहे हैं.
जबकि दूसरी तस्वीर में किसी जंगल में दोनों बच्चों के शव जमीन पर गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, ये तस्वीर किस इलाके की है, ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है. जांच एजेंसियां इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं. इससे पहले जुलाई में दोनों बच्चे दुकानों पर लगे CCTV कैमरों में दिखे थे, लेकिन बाद में वो गायब हो गए और उनका पता नहीं चल सका.
दोनों तस्वीरें विचलित करने वाली हैं, इसलिए हम उन्हें दिखा नहीं सकते.
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घटना के संबंध में मणिपुर सरकार ने एक बयान जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि मामला सामने आने के बाद ही इसे तुरंत CBI को सौंप दिया गया है. सरकार के मुताबिक, इस घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. साथ ही राज्य सरकार ने लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की है.
इससे पहले 4 मई को मणिपुर में दो महिलाओं के साथ यौन हिंसा हुई थी. जिसका वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था. इसमें दो महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता दिखाई दे रहा था. महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराई गई.
मणिपुर में हिंसामणिपुर में करीब 5 महीने से कुकी और मैतई समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा है. यहां आर्थिक लाभ और अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण को लेकर आदिवासी समूहों और बहुसंख्यक मैतई समुदाय के बीच असहमति के चलते हिंसा शुरू हुई थी.
दरअसल, मणिपुर हाई कोर्ट ने 27 मार्च को एक आदेश जारी किया था. इसमें राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने के लिए कहा गया था. इस आदेश के खिलाफ तीन मई को एक विरोध प्रदर्शन हुआ. जिसके बाद से राज्य के कई इलाकों में हिंसा शुरू हो गई. जिसके कई पक्ष अब सामने आ रहे हैं. इस हिंसा में अभी तक सैंकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. जबकि, लाखों लोगों को अपना घर भी छोड़ना पड़ा है.
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