The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • mahua moitra expelled as mp le...

सांसदी वापस पाने के लिए महुआ मोइत्रा के पास अब क्या रास्ते बचे हैं?

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा को 8 दिसंबर, 2023 के दिन लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया.

Advertisement
legal options before mahua moitra
'कैश फॉर क्वेरी' मामले में TMC नेता महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द. (फाइल फोटो - PTI)
pic
नलिनी शर्मा
font-size
Small
Medium
Large
9 दिसंबर 2023 (Updated: 9 दिसंबर 2023, 13:12 IST)
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता और पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से ‘पूर्व सांसद’ महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है. उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने बिज़नेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर अडानी और मोदी के खिलाफ लोकसभा में सवाल पूछे. इन आरोपों पर संसद की एथिक्स कमिटी की जांच बैठी. कमिटी ने रिपोर्ट तैयार की और 8 दिसंबर को संसद में पेश की. महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव आया और ध्वनि मत से प्रस्ताव पास हो गया. और, महुआ मोइत्रा की सांसदी चली गई. अब सवाल ये कि महुआ मोइत्रा के पास क्या विकल्प बचा है.

महुआ मोइत्रा कोर्ट जा सकती हैं

कानून के जानकारों के मुताबिक, सांसदी रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ महुआ मोइत्रा अदालत का रुख कर सकती हैं. सुप्रीम कोर्ट के वकील अनंत मिश्रा ने दी लल्लनटॉप को बताया,

“इस फैसले को महुआ मोइत्रा हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती हैं. इस फैसले को असंवैधानिकता, प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन और इसकी अवैधानिकता का हवाला दे सकती हैं. 

पहले भी सांसदों को निष्कासित किया गया है. उन लोगों ने भी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में फैसलों को चुनौती दी थी. 2007 के राजा राम पाल केस में सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा था कि संसद सांसदों को निष्कासित कर सकती है. मगर सुप्रीम कोर्ट के पास ये शक्ति भी है कि वो निष्कासन के फैसले का ज्यूडिशियल रिव्यू कर सकती है.”

ये भी पढ़ें- "एक औरत को परेशान करने के लिए...", सांसदी जाने के बाद महुआ

एथिक्स कमिटी के अधिकार क्षेत्र को चुनौती

इंडिया टुडे की नलिनी शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक महुआ एथिक्स कमिटी के अधिकार क्षेत्र और आचरण को भी चुनौती दे सकती हैं. ये तर्क दे सकती हैं कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति को देखना चाहिए था, न कि आचार समिति को.

ये भी पढ़ें- क्या महुआ को लोकसभा से जबरन निष्कासित किया गया है?

इससे इतर, महुआ मोइत्रा संसद के या किसी सरकारी वरिष्ठ पदाधिकारी के जरिए एथिक्स कमिटी की कार्यवाही पर सवाल उठा सकती हैं.

मानहानि केस से राहत की उम्मीद

पूर्व सांसद महुआ दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे मानहानि मुकदमे के जरिए भी राहत मांग सकती हैं. अगर वो कई लोगों के खिलाफ मानहानि के केस में यह साबित कर सकती हैं कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निंदनीय, मनगढ़ंत या उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले हैं, तो वह एथिक्स कमिटी का फैसला पलटने की उम्मीद कर सकती हैं. 

वीडियो: महुआ मोइत्रा संसद से क्यों निष्कासित हुईं? रिपोर्ट के अंदर की बातें खुल गईं

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement