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महाराष्ट्र सरकार ने गाय को दिया 'राज्य माता' का दर्जा, इसी साल होने हैं विधानसभा चुनाव

कैबिनेट मीटिंग में महाराष्ट्र सरकार ने गाय को राज्य माता का दर्जा देने का फैसला लिया है.

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2015 में महाराष्ट्र में गोहत्या के खिलाफ कानून बना था. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
30 सितंबर 2024 (Updated: 30 सितंबर 2024, 19:13 IST)
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को राज्यमाता (Maharashtra State Mother Cow) का दर्जा दिया है. सोमवार, 30 सितंबर को कैबिनेट मीटिंग में महाराष्ट्र सरकार ने ये फैसला लिया है. इस फैसले के बाद एक लेटर भी जारी किया गया है. लेटर में गाय को प्रकृति और संस्कृति से जुड़ा हुआ बताया गया है. राजनीतिक दृष्टि से शिंदे सरकार का ये बड़ा फैसला माना जा रहा है. महाराष्ट्र में इसी साल चुनाव होने की संभावना है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जारी किए गए लेटर में लिखा गया,

“वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देसी गाय का महत्व, दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति तथा जैविक कृषि प्रणालियों में देसी गाय के गोबर एवं गोमूत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, देसी गायों को अब से "राजमाता गौ माता" घोषित करने की मंजूरी दी गई."

रिपोर्ट के मुताबिक इस फैसले के बारे में बात करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा,

"देसी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं. इसलिए, हमने उन्हें राजमाता का दर्जा देने का फैसला किया है. हमने गौशालाओं में देसी गायों के पालन-पोषण के लिए सहायता देने का भी फैसला किया है."

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पहले से है बना है गाय को लेकर कानून 

साल 1995 में महाराष्ट्र सरकार ने गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया था. इसके लिए जीव संरक्षण विधेयक में बदलाव किया था. हालांकि तब इस विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर नहीं लग पाई थी. बाद में साल 2015 में मौजूदा सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में फिर से इस विधेयक को पेश किया गया था. मार्च 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हस्ताक्षर के बाद महाराष्ट्र में गौ रक्षा कानून बना. जिसके बाद से गाय को नुकसान पहुंचाना और उसका मांस बेचना या रखना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है .
 

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