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वो नेता जिसकी वजह से देश के मुख्यमंत्रियों को तिरंगा फहराने का अधिकार मिला

1974 से पहले सिर्फ राज्यपाल के पास ही अधिकार था.

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दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति और स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं.
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अविनाश
7 अगस्त 2020 (Updated: 7 अगस्त 2020, 07:36 IST)
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देश में तिरंगा झंडा फहराने वाला पहला मुख्यमंत्री कौन था? ये सवाल शायद आपको बचकाना लग सकता है. हो सकता है कि आपको लगे कि ये एक सामान्य ज्ञान का प्रश्न है. लेकिन ये सवाल जितना सामान्य ज्ञान का है, उतना ही ये सवाल राजनीति से भी जुड़ा है. वजह ये है कि देश की आजादी से लेकर 1974 तक देश में जब भी गणतंत्र दिवस आता था, तो दिल्ली में राष्ट्रपति झंडा फहराते थे. वहीं राज्यों में राज्य के राज्यपाल तिरंगा फहराते थे. जब स्वतंत्रता दिवस आता था, तो दिल्ली में प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते थे और राज्यों में सिर्फ राज्यपाल के पास ही अधिकार था.

करुणानिधि की वजह से ही अब मुख्यमंत्री भी स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहरा पाते हैं.

लेकिन फरवरी1974 में दक्षिण भारत का एक नेता उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिला. उसने इस नियम को बदलने की मांग की और कहा कि जैसे स्वतंत्रता दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में देश के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं, वैसे ही स्वतंत्रता दिवस पर राज्य की राजधानी में मुख्यमंत्रियों को झंडा फहराने का नियम बनाया जाए. इंदिरा गांधी से इस नियम की मांग करने वाले नेता का नाम था एम करुणानिधि, जो उस वक्त तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे.

एम करुणानिधि की वजह से ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों को तिरंगा फहराने का अधिकार मिला था. ( फोटो : Twitter)

ये वो वक्त था, जब केंद्र और राज्य के रिश्तों पर राजामन्नार कमेटी की सिफारिशें सामने आई थीं. और करुणानिधि इन सिफारिशों के आधार पर ही राज्यों को और ज्यादा अधिकार देने की मांग कर रहे थे. करुणानिधि की इस मांग को इंदिरा गांधी ने मान लिया. इसके बाद जुलाई में केंद्र सरकार की ओर से एक आदेश जारी किया गया कि गणतंत्र दिवस पर राज्यों के राज्यपाल तिरंगा फहराएंगे, वहीं स्वतंत्रता दिवस पर राज्यों के मुख्यमंत्री ही तिरंगा फहराएंगे. इसके बाद 15 अगस्त 1974 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में सेंट जॉर्ज किले पर जो तिरंगा फहराया गया, उसे उस वक्त के तमिलनाडु के राज्यपाल कोडरदास कालिदास शाह ने नहीं बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने फहराया था. उस साल पूरे देश में अलग-अलग राज्यों में मुख्यमंत्रियों ने ही तिरंगा फहराया था. उसके बाद से हर साल स्वतंत्रता दिवस पर राज्यों के मुख्यमंत्री ही तिरंगा फहराते हैं.


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