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विदेश में बैठे दुश्मन को मार बनना चाहता था सबसे बड़ा गैंगस्टर, कैसे फेल हुई लॉरेंस की प्लानिंग?

लॉरेंस बिश्नोई की गैंग और बंबीहा गैंग का आपस में मुकाबला चलता है. बिश्नोई ने सचिन थापन को एक बड़ा टास्क दिया था, जिसे विदेश की धरती पर जाकर अंजाम देना था. सचिन पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी शामिल था.

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lawrence bishnoi gang plans to kill bambiha gang lacky patiyal in armenia
बंबीहा गैंग के लकी पटियाल को मारना चाहता था लॉरेंस बिश्नोई. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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रवि सुमन
29 नवंबर 2023 (Updated: 29 नवंबर 2023, 08:36 IST)
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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) जेल में बंद है, लेकिन उस पर जेल के अंदर से ही अपराध करने के आरोप लगते रहते हैं. बिश्नोई ने ही पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. मूसेवाला की हत्या में शामिल मास्टरमाइंड्स में से एक था सचिन थापन (Sachin Thapan). साल 2022 में दिल्ली पुलिस ने थापन को इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से पकड़ा था. थापन ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सामने लॉरेंस बिश्नोई के बारे में बड़ा खुलासा किया है.

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई आर्मेनिया देश में बंबीहा गैंग के प्रमुख लकी पटियाल को मारना चाहता था. दरअसल, बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग का आपस में मुकाबला चलता है. वैसे तो बंबीहा गैंग को गैंगस्टर देवेंद्र बंबीहा संभाल रहा था लेकिन वो पंजाब पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया. इसके बाद बंबीहा गैंग को आर्मेनिया में बैठा लकी पटियाल संभाल रहा है. लॉरेंस बिश्नोई और लकी पटियाल में दुशमनी है. दोनों गैंग के बीच न सिर्फ पंजाब बल्कि विदेश में भी खूनी संघर्ष चलता है.

सचिन थापन ने पुलिस को बताया है कि जेल में बंद लारेंस बिश्नोई ने उसे टास्क दिया था कि वो आर्मेनिया जाए और लकी पटियाल को वहीं मार दे. सचिन थापन लॉरेंस का करीबी है. पटियाल की हत्या के लिए वह दुबई से अजरबैजान पहुंचा. वहां उसकी मदद के लिए पहले से राजस्थान का गैंगस्टर रोहित गोदारा मौजूद था. रोहित गोदारा भारत का एक मोस्टवाटेंड गैंगस्टर है. थापन और गोदारा ने अजरबैजान में बैठकर लकी पटियाल को मारने का प्लान बनाया था.

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रिपोर्ट के मुताबिक, थापन और गोदारा की प्लानिंग ठीक चल रही थी. लेकिन सचिन थापन जांच एजेंसियों की गिरफ्त में आ गया. जांच एजेंसियों ने इंटरनेट संबंधी रिकॉर्ड की जांच की. उसके बाद थापन की एप्पल आईडी का पता चला. फिर उसकी सिग्नल आईडी को ट्रैक किया गया और इंटरपोल की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अजरबैजान के जिस इलाके में सचिन को पकड़ा गया था, वहां से आर्मेनिया की दूरी महज 200 किलोमीटर की है.

इसी साल स्पेशल सेल की टीम सचिन को भारत लेकर आई. जांच एंजेसियों के मुताबिक, अगर लकी पटियाल की हत्या हो जाती तो लारेंस बिश्नोई उत्तर भारत का सबसे बड़ा गैंगस्टर बन जाता. 

बिश्नोई और उसके गैंग का मानना था कि सिद्धू मूसेवाला भी इसी बंबीहा गैंग को सपोर्ट कर रहे थे. इसीलिए सिद्धू की हत्या को अंजाम दिया गया. सिद्धू की हत्या के लिए सचिन थापन ने हथियार और शूटर्स का इंतजाम किया था. हत्या के ठीक पहले वह दिल्ली से तिलक राज टोटेजा नाम का एक फर्जी पासपोर्ट बनवा कर दुबई भाग गया था.

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