नाबालिग के यौन शोषण के दोषी को सजा देकर जज ने सुनाई कविता- 'तुम अकेली नहीं...'
राजस्थान के कोटा में एक नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में जिला अदालत ने दोषी को चार साल जेल की सजा सुनाई है. अपना फैसला सुनाते हुए जज ने एक कविता सुनाई.
राजस्थान के कोटा (Kota) में जिला अदालत ने एक नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाए गए एक व्यक्ति को चार साल की सजा सुनाई है. जेल की सजा के साथ दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अपना फैसला देते हुए एक टिप्पणी की, जिसकी काफी चर्चा हो रही है. ये टिप्पणी कविता के रूप में थी.
कोर्ट का बेटियों के लिए संदेशआजतक से जुड़े चेतन गुर्जर की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने टिप्पणी की,
“इस प्रकार की घटनाओं को
चुपचाप सहन करने वाली बेटियों को
संदेश देना चाहते हैं कि
तुम अकेली नहीं हो
तुम्हारी बात सुनने के लिए हम हैं यहां
चुपचाप रहकर घुटन में रहने से तो
अंधेरा जीत जाएगा
आगे बढ़कर प्रतिकार करना सीखो
तभी तुम्हारे साहस का सूर्य उदय होगा”
नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न का ये मामला करीब 3 साल पुराना है. इस मामले में कोर्ट ने कोटा के चंद्रघटा इलाके के रहने वाले इमरान नाम के व्यक्ति को सजा सुनाई है. इस मामले में कोर्ट ने छात्रा को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की भी सिफारिश की है.
अपना फैसला सुनाते हुए स्पेशल जज दीपक दुबे ने कड़ी टिप्पणी करते हुए बताया कि आरोपी आपराधिक चरित्र का व्यक्ति है. उन्होंने कहा,
क्या है पूरा मामला?“कोर्ट का ये मानना है कि अगर इस तरह के आपराधिक प्रवृत्तियों पर रोक नहीं लगाई गई, तो मासूम बच्चियों का घर से निकलना और स्कूल जाना मुश्किल हो जाएगा. पीड़िता की दुःखद मानसिक स्थिति कोर्ट को आरोपी के प्रति नरमी अपनाए जाने से रोकती है.”
छात्रा के यौन उत्पीड़न का ये मामला 22 जनवरी, 2020 का है. छात्रा ने अपने पिता के साथ कोटा के रामपुरा कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में बताया गया था कि छात्रा नाबालिग है. स्कूल से आते-जाते समय गली में चूड़े की दुकान में बैठने वाला इमरान आए दिन अश्लील हरकतें करता है. शिकायत का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की. पुलिस ने आरोपी इमरान को गिरफ्तार किया. इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया.
पुलिस की जांच के बाद आरोपी इमरान के खिलाफ 19 मार्च, 2021 को कोर्ट में चालान पेश किया गया. छात्रा के पक्ष की तरफ से आठ गवाहों के बयान दर्ज कराए गए. इसके बाद इस मामले में कोर्ट का आखिरी फैसला आया है.
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