'वो पोस्टमार्टम के लिए आई लाशों के साथ...', आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल पर लगे नए आरोप!
Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के RG Kar Medical College के पूर्व प्रिंसिपल Dr Sandeep Ghosh पर पोस्टमार्टम के लिए लाई गई लाशों के अनधिकृत इस्तेमाल का आरोप है. कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक ने कहा- वो छात्रों को फेल करता था और 20 प्रतिशत कमीशन लेता था. अस्पताल के हर काम से पैसे वसूलता था और गेस्ट हाउस में छात्रों को शराब सप्लाई करता था.
कोलकाता डॉक्टर रेप और मर्डर केस के बीच आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष विवादों में आ गए हैं (Kolkata RG Kar Principal Sandip Ghosh Allegations). कुछ पूर्व साथी कर्मचारियों और बैचमेट्स ने उन पर भ्रष्टाचार और माफिया की तरह ऑपरेशन चलाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. रेप और मर्डर केस (Kolkata Rape Murder Case) के सिलसिले में CBI ने डॉ संदीप घोष से लगातार तीन दिनों तक पूछताछ की थी.
बता दें, कॉलेज में हुए रेप और मर्डर केस के सामने आने के दो दिन बाद ही संदीप घोष ने प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के तुरंत बाद ही उन्हें एक अन्य सरकारी अस्पताल में टॉप पोस्ट पर काम भी मिल गया.
क्या आरोप लगे हैं?इंडिया टुडे से सूत्रों के हवाले से बताया कि आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान संदीप घोष पर भ्रष्ट आचरण में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. इसमें वित्तीय कदाचार, अवैध कमीशन के माध्यम से पैसे कमाने और निविदाओं में हेरफेर करने के आरोप शामिल थे. इसके अलावा संदीप घोष पर पोस्टमार्टम के लिए लाई गई लाशों के अनधिकृत इस्तेमाल का आरोप भी है.
संदीप घोष के साथ पढ़ने वाली एक महिला ने नाम ना छापने की शर्त पर इंडिया टुडे टीवी को बताया,
कॉलेज के टाइम पर वो किसी खराब व्यवहार के लिए नहीं जाना जाता था. लेकिन सत्ता लोगों को बदल सकती है और ऐसा लगता है कि उसके साथ भी ऐसा ही हुआ. संदीप घोष की पहली नियुक्ति ही नेशनल मेडिकल कॉलेज के MSVP (Medical Superintendent cum Vice Principal) के तौर पर हुई थी. ये कई सवाल खड़े करता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप घोष के खिलाफ शिकायतें राज्य स्वास्थ्य विभाग तक भी पहुंची. जांच भी हुई. दो बार ट्रांसफर के ऑर्डर आए. लेकिन संदीप छात्रों और इंटर्न्स के कथित समर्थन से इन आदेशों को पलटने में कामयाब रहे.
कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने दावा किया कि संदीप घोष बहुत भ्रष्ट व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि,
वो छात्रों को फेल करता था और 20 प्रतिशत कमीशन लेता था. टेंडर के मामले में अस्पताल के हर काम से पैसे वसूलता था और गेस्ट हाउस में छात्रों को शराब सप्लाई करता था. वो एक माफिया जैसा है. बहुत ताकतवर. मैंने पहले भी 2023 में उसके खिलाफ शिकायत की थी. लेकिन उसके बाद मेरा तबादला कर दिया गया.
डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर केस को लेकर अख्तर अली ने कहा,
संदीप घोष का इस्तीफा एक दिखावा था. उन्हें आठ घंटे के अंदर कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया.
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बंगाल के एक अन्य अस्पताल के प्रोफेसर ने नाम न छापने की शर्त पर इंडिया टुडे को बताया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रमुख पद के लिए इंटरव्यू के दौरान संदीप घोष 16वें स्थान पर थे. इसके बावजूद उन्हें कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया.
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