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'बंद कर दो अस्पताल...' RG Kar हॉस्पिटल में तोड़फोड़ पर हाई कोर्ट ने ममता सरकार को घेर लिया

Kolkata Doctor Rape Murder Case: कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि ये मानना मुश्किल है कि ये राज्य की विफलता नहीं है.

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RG Kar Medical College
RG Kar Medical College के बाहर सुरक्षाकर्मी. (तस्वीर: PTI)
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रवि सुमन
16 अगस्त 2024 (Updated: 19 अगस्त 2024, 12:30 IST)
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डॉक्टर रेप-मर्डर केस (Doctor Rape Murder Case) में कलकत्ता हाई कोर्ट (Kolkata High Court) ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को फटकार लगाई है. 14 अगस्त की रात RG Kar Medical College में भीड़ घुस गई थी. इस दौरान अस्पताल में तोड़फोड़ भी की गई. तोड़फोड़ के दौरान सबूत मिटाने की कोशिश का हवाला देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की अगुआई वाली पीठ ने कहा है कि ये पूरी तरह से स्थानीय प्रशासन की विफलता को दिखाता है. 

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य, कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रख रहे थे. उन्होंने बताया कि घटना के वक्त वहां पुलिस मौजूद थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि पुलिस अपने ही लोगों की सुरक्षा नहीं कर सकी! ये दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. 

कोर्ट ने सवाल किया कि ऐसी घटना के बाद डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे? कोर्ट ने पूछा कि घटना के बाद राज्य सरकार क्या कदम उठा रही है? एहतियाती और निवारक तौर पर क्या उपाय किए गए थे? कोर्ट ने कहा,

“आप किसी भी कारण से CrPC की धारा 144 लागू कर देते हैं. जब इतना हंगामा हो रहा हो, तो आपको इलाके की घेराबंदी कर देनी चाहिए थी. 7 हजार लोग पैदल नहीं आ सकते. ऐसे में ये मानना मुश्किल है कि इसमें राज्य की विफलता नहीं है. अगर 15 लोग घुसते तो हम समझ सकते थे कि सुरक्षा में चूक हुई होगी.”

ये भी पढ़ें: अस्पताल में हुई हिंसा का ममता बनर्जी ने निकाला ये एंगल, CBI का एक्शन शुरू

West Bengal Governor C V Ananda Bose
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस 15 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. (फोटो: PTI)
‘बंद कर दो अस्पताल’

राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि अब स्थिति संभाल ली गई है. आरोपियों की पहचान करने और उनकी गिरफ्तारी करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस पर कोर्ट ने फटकारते हुए कहा कि घटना के बाद ही ये सब क्यों? सरकार ने इस पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया? कोर्ट ने कहा,

"चलो हर मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर देते हैं. अस्पताल बंद कर दो, सब सुरक्षित रहेंगे. अस्पताल बंद कर दो…सबसे अच्छा?"

इस पर राज्य सरकार ने कहा कि क्राइम सीन सुरक्षित है और उसे नुकसान नहीं पहुंचाया गया है.

कोलकाता पुलिस के अनुसार, लगभग 40 लोग प्रदर्शनकारी बनकर अस्पताल परिसर में घुस आए थे. उन्होंने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

अबतक 19 गिरफ्तारियां

हिंदूस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया है कि लाठी, ईंट और रॉड लेकर आए उपद्रवियों ने इमरजेंसी वार्ड, नर्सिंग स्टेशन और दवा स्टोर के अलावा अस्पताल के ओपीडी विभाग में तोड़फोड़ की. इलाके में और उसके आसपास के कई CCTV कैमरे भी तोड़ दिए गए. उपद्रवियों ने एक पुलिस वाहन को पलट दिया और कई दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त किया. कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए. हाई कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर की मौत की जांच कोलकाता पुलिस से CBI को सौंप दी गई. पुलिस के अनुसार, तोड़फोड़ और हिंसा के इस मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन्हें 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस तोड़फोड़ के लिए राज्य की विपक्षी दलों पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों के बीच भाजपा और वाम दलों के कार्यकर्ता घुस गए थे.

वीडियो: कलकत्ता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस चितरंजन दास बोले- 'RSS के बारे में कई गलतफहमियां...'

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