फ़र्ज़ी पासपोर्ट, झूठी शादी.. आवेदन ख़ारिज होने के बाद कनाडा कैसे पहुंचा हरदीप सिंह निज्जर?
साल 1997 में ‘ख़ालिस्तानी आतंकी’ हरदीप सिंह निज्जर ने कनाडा में शरण लेने के लिए आवेदन किया था. ये कहते हुए कि उसे भारत में उत्पीड़न का डर है. कनाडाई सरकार ने निज्जर की कहानी को मनगढ़ंत बताते हुए उसका आवेदन ख़ारिज कर दिया था. फिर वो कनाडा का नागरिक कैसे बन गया?
भारत और कनाडा (India-Canada) के बिगड़ते रिश्तों के बीच भारतीय एजेंसियों ने कनाडा सरकार को ‘ख़ालिस्तानी आतंकी’ हरदीप सिंह निज्जर से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां मुहैया कराई हैं. इसके मुताबिक़, निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) ने कनाडा जाने के लिए फ़र्ज़ी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. यही नहीं, वहां की नागरिकता (Canadian Citizenship) लेने के लिए उसने झूठी शादी भी की थी.
न्यूज़ एजेंसी PTI के मुताबिक़, जांच एजेंसियों ने कनाडा को निज्जर की सभी आतंकवादी गतिविधियों की जानकारी भी दी है. 26 साल पहले वो भारत छोड़कर कनाडा के लिए कैसे भागा, ये भी बताया. लेकिन कनाडा की तरफ़ से इससे संबंधित कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
कनाडा ने पहले ख़ारिज किया था!साल 1997 में निज्जर ने कनाडा में शरण लेने के लिए आवेदन किया था. उसका कहना था कि वो एक विशेष सामाजिक समूह से आता है, इसलिए उसे भारत में उत्पीड़न होने का डर है. कनाडाई सरकार ने निज्जर का आवेदन ख़ारिज कर दिया था. ये कहते हुए कि उसकी कहानी मनगढ़ंत है.
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जांच एजेंसियों की जानकारी के मुताबिक़, आवेदन ख़ारिज होने के बाद निज्जर एक जाली पासपोर्ट पर कनाडा गया. एक झूठे नाम के साथ: रवि शर्मा. और, महज़ 11 दिन बाद एक कनाडाई महिला से शादी का ‘समझौता’ किया. काग़ज़ों पर ये दिखाया गया कि यही महिला उसके कनाडा में बसने (immigration) का ख़र्च उठाएगी.
हालांकि, कनाडा की सरकार ने निज्जर की इस शादी को भी ख़ारिज कर दिया. जांच में पता चला कि जिस महिला से उसने शादी की, वो ख़ुद उसी साल - 1997 में ही - कनाडा आई थी. वो भी किसी और व्यक्ति से शादी कर के, जिसने उसके इमिग्रेट होने का ख़र्च उठाया था.
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फिर निज्जर ने कनाडा की अदालतों में अपील की. ख़ुद को वहीं का नागरिक बताता रहा. बाद में उसे कनाडा की नागरिकता दे दी गई. ये कैसे हुआ, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.
कनाडा सरकार ने नहीं की कोई कार्रवाईबीते 18 जून को दो हथियारबंद लोगों ने हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. ये घटना कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के 'सरे' शहर में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई. निज्जर खालिस्तान टास्क फोर्स (KTF) नाम के समुह का प्रमुख था. उसे भारत ने नामित आतंकवादी घोषित किया था और उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम भी था.
नवंबर 2014 में निज्जर के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था. भारत में उसके खिलाफ हत्या और कई आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े होने के दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं. भारतीय एजेंसियों ने बताया कि ये सब जानकारियां कनाडा के अधिकारियों के साथ साझा की गई हैं. लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ‘खालिस्तानी आतंकी’ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया था. भारत ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में इन आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था.
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