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30 सालों में 60 छात्राओं का यौन शोषण किया, रिटायरमेंट पर फेसबुक पोस्ट लिखा और पकड़ा गया

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पहले कुमार फरार हो गए. हफ्ते भर बाद पुलिस ने शुक्रवार, 13 मई को उन्हें वायनाड के एक होमस्टे से गिरफ्तार किया.

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बाएं से दाएं- पुलिस की सांकेतिक फोटो, आरोपी टीचर. फोटो- PTI और ANI
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श्वेता सिंह
14 मई 2022 (Updated: 17 मई 2022, 23:56 IST)
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एक टीचर अपनी रिटायरमेंट पर फेसबुक पोस्ट लिखता है. कई पुराने स्टूडेंट्स उसपर शुभकामनाओं, और दुआ-सलामती के कमेंट करते हैं. तभी एक लड़की का कमेंट आता है और सब बदल जाता है. फिर, सामने आती है उस टीचर की सालों पुरानी असलियत. टीचर की कलई खुलते ही मामला दर्ज होता है. टीचर पर अपनी छात्राओं से सालों तक यौन शोषण करने का आरोप लगा. टीचर पहले फरार होता है और बाद में गिरफ्तार. मामला फिल्मी लग रहा होगा, लेकिन है रियल.

मामला केरल के मलप्पुरम जिले का है. यहां पुलिस ने CPI(M) के नगर पार्षद और टीचर के.वी. शशिकुमार (Sasi Kumar) को गिरफ्तार किया है. तीन दशक यानी तीस साल तक उन्होंने अपन छात्राओं का यौन शोषण किया था. यहां ‘छात्राएं’ शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि यहां मामला एक-दो नहीं बल्कि 60 लड़कियों से जुड़ा है. आइए, पूरा मामला बताते हैं.

30 साल पहले का मामला

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, शशिकुमार कुमार कई सालों से एक गर्ल्स स्कूल में टीचर थे. हाल ही में वो रिटायर हुए. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट किया. इसी पोस्ट पर एक लड़की ने आरोप लगाया कि तीस साल पहले जब कुमार उनके टीचर थे, तब उन्होंने उसका यौन शोषण किया था. लड़की के कमेंट की देरी थी, कि कई और लड़कियों ने कमेंट बॉक्स में इसी तरह के खुलासे किए. इसके बाद पीड़ितों ने कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पहले कुमार फरार हो गए. हफ्ते भर बाद पुलिस ने शुक्रवार, 13 मई को उन्हें वायनाड के एक होमस्टे से गिरफ्तार किया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया कि अब तक करीब 50 लड़कियों ने कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.  ‘द हिंदू’ की रिपोर्ट में जिले के पुलिस अधीक्षक सुजीत दास के हवाले से ये भी कहा गया,

यदि और शिकायतकर्ता आगे आते हैं और मामला दायर करते हैं, तो चाहे जितने मामले सामने आए हम दर्ज करेंगे.

पुलिस ने ये भी बताया कि फिलहाल, कुमार के खिलाफ प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. वहीं, इससे पहले शुक्रवार, 13 मई को कई संगठनों ने शशिकुमार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस पर उनकी मदद करने का आरोप लगाया.

शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश

इस मामले में केरल शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी जांच के आदेश दिए हैं. मंत्री ने स्कूल के अधिकारियों पर लगे रहे आरोपों की जांच के आदेश दिए है. दरअसल, बताया जा रहा है कि जब पीड़िताओं ने यौन शोषण की शिकायत की तो स्कूल के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की और मामले का संज्ञान नहीं लिया. उन्होंने जनरल एजूकेशन डायरेक्टर के. जीवन बाबू को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है.

स्कूल के पूर्व छात्र संघ के अनुसार, कुछ छात्रों ने 2019 में शशिकुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. पूर्व छात्र संघ ने अधिक शिकायतों के साथ मलप्पुरम जिला पुलिस प्रमुख से संपर्क किया था. इन घटनाओं के बाद, माकपा शाखा समिति के सदस्य शशिकुमार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. आरोपों के बीच कुमार ने नगर पार्षद के अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया.

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