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Kangana Ranaut को थप्पड़ मारा, पता है CISF जवान Kulwinder Kaur को क्या सजा होगी?

Kangana Ranaut Slap Controversy के बाद से CISF जवान Kulwinder Kaur को सस्पेंड किया जा चुका है. उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है.

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किसी को थप्पड़ जड़ने पर एक साल की सजा हो सकती है. (फोटो: सोशल मीडिया)
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आनंद कुमार
7 जून 2024 (Updated: 7 जून 2024, 14:59 IST)
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बीजेपी की नवनिर्वाचित सांसद और एक्टर कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला जवान ने थप्पड़ मार (Kangana Ranaut Slapped) दिया. कंगना चंडीगढ़ से दिल्ली आ रही थीं. एयरपोर्ट पर फ्लाइट पर चढ़ने से पहले चेकिंग के दौरान उन्हें कुलविंदर कौर (Kulwinder Kaur) नाम की एक सुरक्षा जवान ने थप्पड़ मारा. कुलविंदर कौर को हिरासत में ले लिया गया है और पूछताछ की जा रही है. आगे उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में हम ये पड़ताल करेंगे कि आखिर कानून के मुताबिक थप्पड़ मारने की सजा क्या है? और अगर सजा का प्रावधान है तो किस तरह का है? थप्पड़ मारने के लिए जेल जाना होता है, या सिर्फ जुर्माना ही भरना पड़ता है?

पहले तो समझिए की किसी को थप्पड़ मारना अपराध की श्रेणी में आता है. और इसके लिए आईपीसी के सेक्शन 323 के तहत केस दर्ज करने का प्रावधान है. IPC के सेक्शन 323 के तहत अगर कोई जानबूझकर किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे एक साल तक की जेल हो सकती है. साथ ही एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. लेकिन इसमें एक पेच भी है. अगर ये बात निकल कर आती है कि सामने वाले ने बदसलूकी की और उसकी प्रतिक्रिया में ये घटना हुई तो कोर्ट सजा को बदल सकती है. और केस को खारिज भी कर सकती है.

अगर कोई शख्स किसी दूसरे शख्स को डराने के लिए आपराधिक बल या प्रतीकात्मक हमला करता है, जिससे किसी भी तरह की क्षति नहीं होती, लेकिन पीड़ित घबराहट महसूस करता है. तब भी ऐसा करने वाला व्यक्ति IPC की सेक्शन 358 के तहत दोषी माना जाएगा.

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पहले पुलिस थप्पड़ मारने की घटना में सीआरपीसी की धारा 107/51 के तहत निवारक (प्रिवेंटिव) कार्रवाई करती थी. आरोपी को डयूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता था. जहां मजिस्ट्रेट आरोपी को एक साल तक सही आचरण रखने की चेतावनी देकर छोड़ देता था. लेकिन अब पुलिस IPC की धारा 323 और 341 के तहत केस दर्ज करेगी. इन धाराओं के तहत केस दर्ज होने के बाद पुलिस के जांच अधिकारी सबूत एकत्रित करते हैं. वहीं केस कोर्ट में चलेगा और दोषी पाए जाने पर एक साल तक की सजा व जुर्माना भी हो सकता है.

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