कंचनजंगा ट्रेन हादसे से पहले इन रेल दुर्घटनाओं से कांप उठा था पूरा देश
Kanchenjunga Express Train Accident: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक मालगाड़ी और कंचनजंगा एक्सप्रेस में टक्कर हो गई. इस टक्कर से अब तक 9 लोगों की मौत होने की जानकारी सामने आ रही है, जबकि 60 लोगों के घायल होने की खबर है.
पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सोमवार, 17 जून को एक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मार दी (Kanchanjunga Express Accident). यह हादसा न्यू जलपाईगुड़ी के पास हुआ. इस टक्कर में कंचनजंगा एक्सप्रेस की कई बोगियां पटरी से उतर गईं. बताया जा रहा है कि हादसे में अब तक 8-9 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है.
रेलवे के अधिकारियों का कहना कि इस हादसे की वजह मालगाड़ी के चालक की सिग्नल को लेकर अनदेखी है. जिसकी वजह से मालगाड़ी, कंचनजंगा ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई. हादसे में कंचनजंगा एक्सप्रेस के 3 डिब्बे बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. ये रूट ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली से लैस है और काफी व्यस्त रहता है क्योंकि यहां एक साथ कई लाइनें गुजरती हैं. इस वजह से ट्रेनों के टकराने का खतरा ज्यादा रहता है.
भारत में रेल हादसों का एक लंबा इतिहास रहा है. एक लंबी लिस्ट है. पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे ने एक बार फिर उन रेल दुर्घटनाओं की याद दिला दी है. एक नज़र भारत में हुए सबसे घातक रेल हादसों पर…
2 जून, 2023: खड़ी गाड़ी में पीछे से टक्कर लगी
2 जून, 2023 की रात उड़ीसा के बालासोर में एक दर्दनाक रेल हादसा हुआ. इसमें दो नहीं बल्कि 3 ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हुई थीं. एक मालगाड़ी और दो एक्सप्रेस ट्रेनें- कोरोमंडल सुपरफास्ट एक्सप्रेस और हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस. एक ट्रेन पटरी से उतरी और फिर दूसरी ट्रेन पहली ट्रेन के बोगियों से टकराकर पटरी से उतर गई थी. ये रेल हादसा 1999 के बाद से सबसे भयानक रेल हादसा था जिसमें 270 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और करीब 1 हजार लोग घायल हुए थे.
20 नवंबर, 2016: पुखरायां में ट्रेन के 14 डिब्बे डिरेल हुए
20 नवंबर, 2016 को गाड़ी नंबर 19321 इंदौर-पटना एक्सप्रेस भोर में करीब 3.10 बजे कानपुर के पास पुखरायां में पटरी से उतर गई थी. इस ट्रेन के लगभग 14 डिब्बे पटरी से उतरे थे. इस हादसे में 146 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक घायल हुए थे.
20 मार्च, 2015: जब पटरी से उतरी थी जनता एक्सप्रेस
20 मार्च, 2015 को यूपी के रायबरेली में देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 58 लोगों की मौत हो गई थी और कम से कम 150 लोग घायल हुए थे. हादसे की वजह ब्रेक फेल बताया गया था.
10 जुलाई, 2011: पटरी से उतरे 15 डिब्बे, 70 की मौत
10 जुलाई, 2011 को यूपी के फतेहपुर के पास कालका मेल के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में करीब 70 लोगों की मौत हो गई थी और 300 से ज्यादा घायल हो गए थे. उस दौरान आई खबरों के मुताबिक ट्रेन के AC कम्पार्टमेंट में आग और चिंगारी निकलने की रिपोर्ट आई थी. वहीं सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन पटरी से उतर गई थी.
29 अक्टूबर, 2005: बाढ़ में पुल बहने से हुआ हादसा
29 अक्टूबर, 2005 को हुए वेलिगोंडा ट्रेन हादसे में कम से कम 114 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा घायल हुए थे. अचानक आई बाढ़ के कारण हैदराबाद के पास वेलिगोंडा में स्थित एक छोटा पुल बह गया था. ट्रेन जब उस पुल पर से गुजरी, तभी हादसा हो गया.
10 सितंबर, 2002: रफीगंज रेल हादसा
10 सितंबर 2002 को तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस बिहार में रफीगंज के पास धावा नदी पर बने पुल पर पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में तकरीबन 130 लोगों की मौत हो गई थी. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में दुर्घटना का कारण पुराने पुल में जंग लगना बताया गया था, मगर बाद में कहा गया कि दुर्घटना इलाके के नक्सलियों द्वारा की गई थी.
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2 अगस्त, 1999: गाइसल रेल हादसा, 300 से ज्यादा मौतें
2 अगस्त, 1999 को अवध-असम एक्सप्रेस और ब्रह्मपुत्र मेल की टक्कर हो गई थी. ये टक्कर कोलकाता के पास गाइसल स्टेशन पर हुई थी. ये हादसा सबसे बड़ी ट्रेन आपदाओं में से एक था जिसमें 300 से ज्यादा लोग मारे गए और 600 से ज्यादा लोग घायल हो गए. ये तो सरकारी आंकड़ा था. उस ट्रेन की जनरल बोगियों में क्षमता से कई गुना ज़्यादा लोग थे. आशंका जताई गई थी कि मृतकों का आंकड़ा हज़ार के पार था.
26 नवंबर, 1998 का खन्ना रेल हादसा, 212 की मौत
खन्ना रेल दुर्घटना 26 नवंबर 1998 को पंजाब में भारत के उत्तर रेलवे के खन्ना-लुधियाना जंक्शन पर खन्ना के पास हुई थी. ये हादसा तब हुआ, जब कलकत्ता जाने वाली जम्मू तवी-सियालदह एक्सप्रेस अमृतसर-बाउंड "फ्रंटियर मेल" के पटरी से उतरे 6 डिब्बों से टकरा गई थी. इस हादसे में कम से कम 212 लोगों की मौत हुई थी.
20 अगस्त, 1995: फिरोजाबाद रेल हादसा, 350 की मौत
20 अगस्त, 1995 को हुए फिरोजाबाद रेल दुर्घटना में कम से कम 350 लोगों की मौत हो गई थी. ये रेल हादसा दो ट्रेनों की टक्कर के कारण हुआ था. पुरुषोत्तम एक्सप्रेस ने कालिंदी एक्सप्रेस को पीछे से ठोक दिया था. दरअसल, कालिंदी एक्सप्रेस की एक नीलगाय से टक्कर हो गई थी और ट्रेन वहीं रुक गई थी. कालिंदी एक्सप्रेस जहां खड़ी थी, वो जगह फिरोजाबाद स्टेशन की परिधि में ही थी. ट्रेन वहां खड़ी ही थी कि दूसरी ट्रेन को भी वहां से गुजरने की मंजूरी दे दी गई और इतना बड़ा हादसा हो गया.
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