'कभी ख़ुशी कभी ग़म', जिसमें शोर मचाते हेलिकॉप्टर से आकर शाहरुख ने मां से पूछा- 'तुझे पता कैसे चला?'
फिल्म के 20 साल पूरे होने पर पढ़िए फिल्म से जुड़े मजेदार किस्से और ट्रिविया.
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करण जौहर की वड्डी स्टार कास्ट वाली फिल्म 'Kabhi Khushi Kabhie gham' को 14 दिसंबर को 20 साल पूरे हुए. दूसरे वाले 'कभी' में एक्स्ट्रा E है. क्योंकि एकता कपूर की तरह ही करण भी न्यूमरोलॉजी-एस्ट्रोलॉजी टाइप चीजों को बहुत मानते हैं. हालांकि बाद में उन्होंने ये 'K' और 'E' का चक्कर छोड़ दिया. चलिए तो इस पावन मौके पर आपको फ़िल्म के कुछ सुने-अनसुने-कमसुने किस्से बताते हैं.
कभी खुशी कभी ग़म. दिल्ली के एक आम परिवार की कहानी..... नहीं खास परिवार की कहानी.... कुछ ज़्यादा ही खास परिवार... टेक 2 - रायचंद फैमिली. दिल्ली का कुछ ज़्यादा ही अमीर परिवार. ऑलमोस्ट अंबानी लेवल का. अब इतने प्राइवेट हेलिकॉप्टर और किस के पास हो सकते हैं? फ़िल्म में बाबूजी हैं मेल ईगो वाले यश 'बोल दिया मतलब बोल दिया' रायचंद उर्फ़ बच्चन साब. माता जी हैं नंदिनी 'राहुल डिटेक्टर' रायचंद, यानी जया बच्चन. हज़ारों की भीड़ में, हेलिकॉप्टर के शोर में इन्हें मालूम पड़ जाता है कि राहुल आ गया है.
इनके दो पुत्र हैं. बड़े बेटे शाहरुख खान उर्फ राहुल, जो शोर मचाते हेलिकॉप्टर से आकर माता जी से पूछते हैं,
"मां, आपको मेरे आने का पता कैसे चल जाता है?"छोटे बेटे हृतिक रोशन उर्फ रोहन उर्फ लड्डू. जो लंदन में किसी के भी घर का पता, फोन नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल, ब्लड ग्रुप सब पता लगा सकता है. 'फाइंड अ फ्रेंड डॉट कॉम' पर जाकर. पहले बेटे की पत्नी हैं अंजलि यानी काजोल, जिन्होंने अपने पिताजी के स्वर्गवास वाले दिन ही शादी कर ली थी. खैर 'वड्डे लोग वड्डी बातें' सानूं की! छोटे पुत्र की पत्नी हैं, पूजा उर्फ पू यानी करीना कपूर. जो कार्तिक आर्यन से कई सालों पहले से मोनोलॉग बोल रही हैं.
'कभी ख़ुशी कभी ग़म' परिवार.
# वड्डे लोग वड्डी बातें अब इतनी बड़ी फैमिली के कारनामे ही बड़े ही होने थे. कुछेक मुलाहिज़ा फरमाइए.
# फ़िल्म रिलीज़ हुई 2001 में. फ़िल्म की कहानी का समयकाल एकदम लेटेस्ट भी मान लें, तो भी 2001 तो हुआ ही हुआ. फिर फ़िल्म जाती है 10 साल पीछे. कौन सा साल आएगा? 1991. अब 1991 में यश 'बोल दिया मतलब बोल दिया' रायचंद जी नोकिया 9000 फोन चला रहे हैं. जो कि 1996 में लॉन्च हुआ है असल में. खैर, बनवाया होगा स्पेशल पीस. वड्डे लोग वड्डी बातें.
# फ़िल्म में गाना है 'शावा शावा'. ज़बरदस्त गाना है. गाने के बाद बच्चन साहब जया जी के लिए गाना गाते हैं. 'ऐ क्या बोलती तू'. जो कि 1998 में आई फ़िल्म 'ग़ुलाम' का गाना है. हम्म वड्डे लोग.... ए आर रहमान से स्पेशल बनवाया होगा.
# फ़िल्म में रायचंद फैमिली दिल्ली में रहती है. लेकिन फ़िल्म में जो घर, सॉरी किला, महल, पैलेस दिखाया है उसके आसपास कोई 5 किलोमीटर तक सिर्फ पेड़ हैं हरे-भरे. ये कौन सी दिल्ली है भाई? पूरी फिल्म में लंदन की लोकेशन्स को दिल्ली बोलकर चिपकाया है. करण जौहर जी, जब इतना लंदन प्रेम था तो परिवार को लंदन का ही बता देते, क्या फर्क पड़ता!
# फ़िल्म में छोटी पूजा यानी मालविका राज एक टंग ट्विस्टर मोनोलॉग बोलती रहती हैं 'चंदू के चाचा ने' टाइप. इस मोनोलॉग पर 'आसमां' नाम के बैंड ने गाना भी बनाया था. इस बैंड में नीति मोहन भी थीं.
'शावा शावा' गाने में बच्चन साब.
# ये भी थे फिल्म में 1. मूवी का वो सीन तो याद ही होगा, जिसमें जॉनी लीवर, हिमानी शिवपुरी हृतिक रोशन को शाहरुख-काजोल का पता बताने की कोशिश कर रहे हैं. फिर जॉनी का बेटा बोलता है, 'वो लंदन गए हैं, एक दिन मैं भी जाऊंगा. ये जॉनी का बेटा असलियत में भी जॉनी के पुत्तर ही हैं. नाम है जैसी लीवर. सालों बाद जैसी ने हृतिक के साथ ही 'वॉर' में काम भी किया.
2. फ़िल्म में शाहरुख उर्फ राहु के नुनु मुनु अवतार में जो बच्चा है, वो शाहरुख के ही पुत्र आर्यन खान हैं.
3. 'आय हेट लव स्टोरीज़', 'स्टूडेंट आफ द ईयर 2' जैसी फिल्मों के डायरेक्टर पुनीत मल्होत्रा भी फ़िल्म में थे. ये ही भाई साहब थे, जो मैच में हृतिक को बोलिंग कर रहे थे.
4. फ़िल्म में जुगल हंसराज हृतिक के दोस्त के रोल में थे. छोटा सा 20 सेकंड का रोल था. अब ये मत पूछना कौन जुगल हंसराज?
राहुल रायचंद.
अब कितनी खिल्ली उड़ा लो लेकिन फ़िल्म देखी तो ज्यादातर सब ने ही है. ऐसा भी नहीं है कि फ़िल्म बंडल थी. ठीक ही थी. फ़िल्म ने इंडिया के साथ-साथ विदेशों में भी जमकर कमाई की थी. आज फ़िल्म पर जमकर मीम बनते रहते हैं. करण जौहर खुद कई रोस्ट कॉमेडी प्रोग्राम्स में जाकर फ़िल्म की खिल्ली उड़ा चुके हैं.