पत्रकार की गिरफ्तारी पर घिरी बंगाल सरकार, दलित महिला, अवैध शराब वाले एंगल क्या हैं?
एक दलित महिला की शिकायत पर पत्रकार को अरेस्ट किया गया है. लेकिन बीजेपी इसे अवैध शराब के कारोबार की रिपोर्टिंग से जोड़ रही है.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में एक पत्रकार की गिरफ्तारी पर बवाल हो रहा है. विपक्ष ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर है. इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया जा रहा है. वहीं पुलिस ने बताया है कि पत्रकार को एक दलित महिला की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है. पत्रकार के पड़ोस में रहने वाली महिला ने पत्रकार पर हमला करने का आरोप लगाया है. जबकि विपक्ष का आरोप है कि पत्रकार को उनकी रिपोर्टों के कारण गिरफ्तार किया गया है, जो अवैध शराब कारोबार पर थीं. BJP का कहना है कि पत्रकार के खिलाफ शिकायत करने वाली महिला अवैध शराब कारोबारियों की रिश्तेदार है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मामला पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले का है. यहां आनंदबाजार पत्रिका (ABP) के 33 साल के पत्रकार देबमाल्या बागची को 6 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक देबमाल्या को दलित महिला पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, विपक्ष ने इस गिरफ्तारी को पत्रकार के हालिया लेखों से जोड़ा है. ये लेख खड़गपुर नगर पालिका में आने वाले संजोल से सक्रिय शराब व्यापारियों पर थे. यहां पिछले साल हुए निकाय चुनाव में TMC ने जीत हासिल की थी.
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पत्रकार पर दलित महिला को प्रताड़ित करने का आरोपपुलिस ने बताया कि 28 अगस्त को एक दलित महिला की शिकायत पर देबमाल्या बागची के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पत्रकार के खिलाफ IPC की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 354B (नग्न करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग), 509 (महिला की लज्जा का अपमान करने के इरादे से कोई शब्द बोलना या कोई इशारा करना) के तहत मामला दर्ज है. साथ ही, इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधान भी हैं.
पुलिस के मुताबिक, महिला ने आरोप लगाया कि 27 अगस्त की शाम को वह और उसके ससुराल वाले अपने घर के बाहर खड़े थे, तब बागची ने कथित तौर पर उन पर अपमानजनक और जातिवादी टिप्पणी की. महिला ने आरोप लगाया कि विरोध करने पर पत्रकार ने उनके साथ मारपीट भी की.
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BJP बोली- ‘अवैध शराब पर रिपोर्ट के कारण हुई गिरफ्तारी’वहीं BJP नेता सुवेंदु अधिकारी का आरोप है कि पत्रकार के खिलाफ शिकायत शराब कारोबारियों के रिश्तेदार ने की है. इस मामले पर सुवेंदु अधिकारी ने 7 सितंबर को ट्वीट किया. उन्होंने बताया कि 27 अगस्त को आनंदबाजार पत्रिका के खड़गपुर संस्करण में पत्रकार का एक न्यूज आर्टिकल छपा था. इसमें बताया गया था कि संजोल के वॉर्ड नंबर 24 के आवासीय क्षेत्र में अवैध शराब कारोबारी अपने घरों से काम कर रहे हैं. इस आर्टिकल में श्रीमती बसंती दास और दूसरी महिलाओं के बारे में भी जानकारी दी गई थी, जिन्होंने इसकी शिकायत की थी. सुवेंदु अधिकारी के मुताबिक महिलाओं ने इस मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन से मदद मांगी थी, लेकिन किसी ने भी कार्रवाई नहीं की.
सुवेंदु अधिकारी ने बताया कि इस रिपोर्ट से हलचल मच गई, लेकिन इसके बाद शिकायत करने वाली महिला को शिकायत वापस लेने की धमकी दी गई. बीजेपी नेता के मुताबिक पत्रकार के खिलाफ शिकायत करने वाले अवैध शराब कारोबारियों के रिश्तेदार हैं. जिन्होंने 28 अगस्त को अवैध शराब कारोबार के खिलाफ शिकायत करने वाली बसंती दास और आर्टिकल लिखने वाले देबमाल्या बागची के खिलाफ केस दर्ज कराया.
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कांग्रेस और CPI(M) ने कहा- ‘ये प्रेस की आजादी पर हमला’रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने भी पत्रकार देबमाल्या बागची की गिरफ्तारी की निंदा की है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने 10 सितंबर को CM ममता बनर्जी को खत लिखा. उन्होंने CM से इस मामले में उनके हस्तक्षेप की मांग की है. अधीर रंजन चौधरी ने लिखा,
“देबमाल्या बागची की गिरफ्तारी से भारतीय राजनीति में गलत संदेश जाएगा. आपसे (CM ममता से) अनुरोध है कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बचाने और संरक्षित करने के लिए जो जरूरी हो, वह करें.”
CPI(M) ने भी पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध किया है. 9 सितंबर को पार्टी की प्रदेश कमिटी ने पोस्ट किया,
"आनंदबाजार पत्रिका के पत्रकार देबमाल्या बागची की गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का एक और उदाहरण है. CPI-M (पश्चिम बंगाल) में हम इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. एक पत्रकार की समाचार एकत्र करने और उसे आम लोगों तक पहुंचाने की स्वतंत्रता में किसी भी बिंदु पर बाधा नहीं आनी चाहिए. हम कथित आरोपों की त्वरित और निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं."
वहीं 11 सितंबर को, BJP विधायक सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि उन्हें जेल में पत्रकार बागची से मिलने नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी के सत्तावादी शासन के तहत पश्चिम बंगाल में अर्ध-आपातकाल जैसी स्थिति है.” आनंदबाजार पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक बागची की गिरफ्तारी के विरोध में पश्चिम मेदिनीपुर के कई इलाकों में प्रदर्शन किए गए हैं. प्रेस के कई संगठनों ने भी पत्रकार की रिहाई की मांग की है.
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