झांसी अस्पताल में 5 बच्चे बचाए इस पिता ने, हाथ भी जल गए, पर अपना बेटा अभी तक ना मिला
Jhansi Medical College Fire: महोबा के कुलदीप सिंह के बेटे जन्म का जन्म 9 नवंबर को ही हुआ था. हादसे के बाद से अब तक उसका कुछ पता नहीं चला है.
उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में 15 नवंबर की रात बच्चों के वॉर्ड में लगी आग में 10 नवजातों की मौत हो गई. 16 नवजात घायल हुए हैं. इस बीच कुछ मां-बाप ऐसे हैं, जिन्हें अब तक अपने बच्चों की जानकारी नहीं मिली है. ऐसे ही एक पिता हैं महोबा के कुलदीप सिंह.
महोबा जिले के कबरइ इलाके के रहने वाले कुलदीप सिंह का बेटा झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में एडमिट था. उनके बेटे का जन्म 9 नवंबर को हुआ था. उसकी तबीयत खराब हुई, तो उसे झांसी मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया था.
15 नवंबर की रात जब बच्चों के वॉर्ड में आग लगी, तब कुलदीप अपने बच्चे की दवा लेने बाहर गए थे. उनकी पत्नी ने जब उन्हें वॉर्ड में आग लगने की सूचना दी, तो वो भागे-भागे आए. तब तक वॉर्ड में आग फैल चुकी थी. कुलदीप भी उन लोगों में एक थे, जिन्होंने वॉर्ड में जाकर बच्चों को बचाया. कुलदीप के मुताबिक उन्होंने वॉर्ड में भर्ती 54 बच्चों में से 5 बच्चों को अपने हाथों से बचाया. इस दौरान उनके हाथ भी जले.
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पीड़ित परिवारों का कहना है कि हादसे के वक्त जिनके बच्चे थे, उन्होंने ही वॉर्ड के अंदर जाकर बच्चों को बचाया. कुलदीप सिंह ने कहा,
"मैंने दूसरों के बच्चे बचाए, लेकिन मेरा बच्चा मर गया. बच्चों को बचाते वक्त मेरा हाथ जल गया. मेरा बच्चा अब तक नहीं मिला. मेरा पहला बच्चा था. अफसर भी नहीं बता रहे हैं कि क्या हुआ, कहां गया हमारा बच्चा. हम उनके इंतजार में बैठे हुए हैं. कुछ तो सही जानकारी मिले."
उत्तर प्रदेश सरकार ने मृत बच्चों के माता-पिता को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है. साथ ही, इस मामले की तीन स्तरों पर जांच के आदेश भी दिए हैं. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए मृतक बच्चों के परिवार को 2 लाख रुपये के मदद देने की घोषणा की है.
वीडियो: झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से 10 नवजात बच्चों की मौत, घटना का जिम्मेदार कौन?