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कश्मीर: पुंछ में 5 जवानों की जान किसने ली थी? पाकिस्तान कनेक्शन मिला, भारत में कौन था मददगार?

NIA के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ में हुए हमलों के तार पाकिस्तान से जुड़े थे, किसका हाथ था? भारत में किन लोगों ने मदद की थी सब पता चला?

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Jammu-kashmir Poonch Rajouri terrorist attacks by same lot, directions came from Pakistan says NIA
NIA ने दो बड़े हमलों के मास्टरमाइंड का पता लगाया | फाइल फोटो: आजतक
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अभय शर्मा
27 नवंबर 2023 (Updated: 27 नवंबर 2023, 09:34 IST)
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू-कश्मीर में हुए दो बड़े आतंकी हमलों के पीछे की साजिश का पता लगा लिया है. ये हमले इसी साल जनवरी और अप्रैल के महीने में हुए थे. इनमें से एक हमला राजौरी के ढांगरी गांव में हुआ था, जिसमें 7 नागरिक मारे गए थे. और दूसरा पुंछ जिले में सेना की टुकड़ी पर हुआ था, इसमें 5 जवान शहीद हो गए थे. NIA के मुताबिक इन हमलों के तार सीधे पाकिस्तान से जुड़े थे, और लश्कर-ए-तैयबा के आदेश पर इन्हें अंजाम दिया गया था.  

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजौरी हमले का केस स्थानीय पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, पहले पुलिस ने जांच की, फिर केस NIA को सौंप दिया गया. जांच के दौरान NIA ने पाया कि हमला 2 आतंकियों ने किया था, जिनकी जम्मू-कश्मीर के ही कुछ लोगों ने मदद की थी. ये आतंकी जनवरी 2023 में हमले को अंजाम देने के बाद अंडरग्राउंड हो गए थे. फिर ये अप्रैल में बाहर निकले. 

India में कौन कर रहा था मदद?

जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2023 में NIA ने राजौरी हमले में आतंकियों की मदद करने के आरोप में पुंछ जिले से दो लोगों - निसार अहमद और मुश्ताक हुसैन - को अरेस्ट किया. इन दोनों से पूछताछ में NIA को पता चला कि निसार लश्कर-ए-तैयबा के एक हैंडलर अबू कताल उर्फ कताल सिंधी के लगातार संपर्क में था. निसार को एक बार पहले भी गिरफ्तार किया गया था. तब उसे जम्मू-कश्मीर के पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत 2 साल जेल में रखा गया था. साल 2014 में उसे जेल से रिहा कर दिया गया था. इसके बाद निसार कश्मीर पुलिस का लंबे समय तक इनफॉर्मर भी रहा था. हालांकि, फिर वो आतंकियों का मददगार बन गया.

निसार ने NIA की पूछताछ में बताया कि जनवरी 2023 में राजौरी हमले के बाद पाकिस्तान में बैठे अबू कताल ने उसे दोनों आतंकियों को रहने का ठिकाना मुहैया कराने के लिए कहा था. इसके लिए उसने मुश्ताक हुसैन को 75,000 रुपये दिए थे, और उसे एक गुफा में दोनों आतंकियों के लिए ठिकाना बनाने को कहा था. निसार के मुताबिक वो आतंकियों को घर का खाना उपलब्ध कराता था. करीब 3 महीने तक ये सब चलता रहा. इसके बाद अप्रैल 2023 में पुंछ जिले में सेना के जवानों पर हमले से 2 दिन पहले, आतंकियों ने उससे 22 रोटियां मांगी और अचानक से ठिकाना छोड़कर चले गए.

NIA ने क्या-क्या बताया?

एक अधिकारी के मुताबिक अचानक अपना ठिकाना छोड़ने के दो दिन बाद, दोनों आतंकियों ने पुंछ के भट्टा डूरियन इलाके में सेना के एक वाहन पर हमला किया, जिसमें राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के 5 जवान शहीद हो गए और एक अन्य घायल हो गया.

इस अधिकारी के मुताबिक कई सबूत इकट्ठा करने के बाद, एनआईए ने अब पाया है कि दोनों घटनाओं में हमलावर एक ही थे और उन्होंने पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए-तैयबा के आकाओं सैफुल्ला उर्फ साजिद जट, अबू कताल उर्फ कताल सिंधी और मोहम्मद कासिम के आदेश पर जम्मू-कश्मीर में हमलों को अंजाम दिया था.

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