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भाईचारा ऑन टॉप : घर के चिराग की चिरांद, बुआ के बेटे से 1 करोड़ लुटवा दिए

जुआ खेलने की लत थी. नाबालिग ने बुआ के बेटे के साथ मौज़-मस्तियों का प्लान बनाया. अपने ही पिता की तिजोरी से 75 लाख गायब करा दिए, बाद में पता चला वो तो 1 करोड़ 18 लाख थे.

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Jaipur Robbery
बेटे ने घर के पैसे बुआ के बेटे की मदद से कर दिए थे गायब
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आशीष मिश्रा
26 जून 2024 (Updated: 26 जून 2024, 15:54 IST)
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परिस्थिति 1: घर में डकैती हुई. 75 लाख गन पॉइंट पर लूटे गए. सीन में पुलिस आई तो पता चला. 75 लाख नहीं, 1 करोड़ 18 लाख थे. डकैती हुई ही नहीं थी. कुल का कथित चिराग ही चिरांद निकला है .  

परिस्थिति 2 : क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ कि आपको एक धनराशि बताई गई. हाथ में आई तो धनराशि कम निकली. अगर हुआ है तो बधाई आप CTC और इन हैंड सैलरी का खेल समझ चुके हैं.

परिस्थिति 3: क्या आपका कोई ऐसा सगा, भाई, मित्र, सखा, साझीदार है. जिसके साथ आप दुनिया का कोई भी खुरखुंदी काम कर सकते हैं. आसमान के तारों में थिनर डाल सकते हैं. उड़ते जहाज पर स्प्रे पेंट मार सकते हैं. बहते पानी में आग लगा सकते हैं. मरुस्थल में आलूबुखारा लगा सकते हैं. जवाब होगा हां! और संबंध में वो आपकी बुआ का बेटा होगा. बुआ का बेटा साथ हो और अंदर अच्छाई हो तो आप पूरी महाभारत करा सकते हैं. बस अच्छाई न हो तो मामला फंस जाता है बवाल हो जाता है.

बेटे ने घर में डकैती डलवाई, बुआ के बेटे से 

जयपुर में दिनदहाड़े एक कारोबारी के घर पर लाखों की डकैती हुई. फिर पुल्स आ गई पुल्स. घटना की डीटेलिंग सुन पुलिस के हाथ-पांव--पाव से लेकर सवा किलो तक फूल गए. लेकिन अनुभवी पुलिस को जल्द ही समझ आ गया कि उन्हें ‘फूल’ बनाया जा रहा है. कारोबारी के नाबालिग बेटे ने नालायक हरकत की थी. बुआ के बेटे के साथ लूट का झूठ बोला था. पुलिस को संजय दत्त-श्रीदेवी अभिनीत 'गुमराह' किया जा रहा था. जिस बेटे ने ये कारनामा किया, वो अभी 12वीं में पढ़ रहा है. 12वीं में होना पक्का है, पढ़ कितना रहा है, ये इस घटना के बाद संशय में है.

कुछ ऐसी ही रही होगी कारोबारी पिता की मनोदशा 
कहानी बढ़िया थी, पूरी नहीं हो पाई 

तो कहानी कुछ यूं बनी कि सोमवार, 24 जून को शाम करीब 5 बजे एक कारोबारी ने पुलिस कंट्रोल रूम में एक सूचना दी. जयपुर के गोपालबाड़ी के गोपाल अपार्टमेंट में उनके फ़्लैट की घंटी बजी. बालक ने दरवाजा खोला तो 3 बदमाश पिस्टल समेत दाखिल हुए. गोली मारने की धमकी देकर ‘तमंचे पर बंधक’ बनाया. तिजोरी में रखे कथित 75 लाख बैग में भरे. रुपयों से भरा बैग स्टाइल से चौथी मंजिल की बालकनी से नीचे सड़क पर फेंके और सीढ़ियों के रास्ते उतरकर कार में बैठ रफूचक्कर हो गए. इसके बाद भरी गर्मी के मौसम में पुलिस की मशक्कत शुरू हुई. ‘फिंगर प्रिंट, ब्यूरो, एमओबी और एफएसएल टीमें जांच-पड़ताल के लिए पहुंची’ जैसी ख़बरें आने लगीं. ‘जयपुर में A श्रेणी की नाकाबंदी’ जैसे टेक्निकल वाक्य हवा में तैर गए. लेकिन इस बीच सीसीटीवी देख पुलिस भी मूंछों में मुस्कुराने लगी होगी.

जल्द ही पुलिस को मामला समझ आ गया 
जांच में फांस निकालने का काम पुलिस की बेस्ट फ्रेंड ने किया

अर्थात सीसीटीवी फुटेज ने. उसी में एक लड़का ट्रॉली ले जाते दिखा था. जो कारोबारी का भांजा था. घटना की टाइमिंग भी ऐसी ही अजीबोगरीब थी, जैसी अफगानिस्तान-बांग्लादेश के मैच में गुलबदीन की चोट की टाइमिंग. टाइमिंग और लूट की कहानी मिंगलिंग नहीं कर पा रही थी.

मामला खुला तो जयपुर साउथ डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया. कोई पकड़ में आया. कौन? वही, कारोबारी का 21 साल का भांजा. उसने पुलिस के वाइवा में बताया कि कारोबारी के बेटे ने उसे बताया था कि “डैडी-वैडी हैं नहीं घर पे, घर पर अकेला हूं. तुम आओ, पैसा ले जाओ. बाद में इस पैसे से दोनों भाई मौज-मस्तियां करेंगे.” नाबालिग की बुआ का बेटा घर पहुंचा. बिना गिने पैसे ट्रॉली में डाले. और ट्रॉली बैग लेकर आराम से निकल गया. (यहीं पर इन हैंड, CTC से ज़्यादा हो गया.) इसके बाद बुआ का बेटा, अपने एक और रिश्तेदार के पास पहुंचा. कहा, पैसा दोस्त का है. इन्वेस्टमेंट के लिए रखना है. (ऐसे रिश्तेदार मुझे भी चाहिए, जो 21 साल के लड़के की बात मानकर करोड़ रूपये की ट्रॉली घर पर रख लें, मेरे वाले मुझसे 1 किलो शक्कर मंगाने के बाद चिल्लर का हिसाब मांगते हैं!)

रिश्तेदार को ऐसा ही इन्वेस्टमेंट प्लान समझाया होगा बुआ के लड़के ने 
लत लग गई, लत ये ग़लत लग गई

अब पता लग रहा है कि कारोबारी के बेटे और भांजे को ऑनलाइन गेम में जुआ खेलने की लत लग गई, लत लग गई, लत ये ग़लत लग गई. (और दिखाओ रील में टॉगल होता गेमिंग ऐप का लोगो!) मामला खुला तो  टेक्निकल शब्दों में परिवादी ने अब लिखित में पुलिस को बताया. लिखवाया कि 'पैसा उन्हीं के बेटे ने राज़ी-ख़ुशी रिश्तेदार के सुपुर्द किया था. पुलिस को दी रिपोर्ट सही नहीं थी. इसलिए परिवादी अब कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं चाहते हैं.' तो फिलहाल मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई पुलिस अपने हिसाब से मामले पर एक्शन ले रही है. अर्थात विधि सम्मत कार्रवाई कर रही है.

पूरी कहानी दो डायलॉग्स से समझिए 

इस कहानी से हमें क्या शिक्षा मिली?

1. भाईचारा ऑन टॉप. 
2. CCTV ज़रूरी है.
3. लगेगी आग उठेगा धुआं, बच्चे को खेलने न दो जुआ.
4. पैसे हमेशा गिनके देना है. 
5. ऐसे रिश्तेदार सबको मिलें, जिनके भरोसे 1 करोड़ की ट्रॉली छोड़ दी जाए.  

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