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‘आतंकियों को जेल या जहन्नुम...’, गृह राज्य मंत्री ने संसद में बताई मोदी सरकार की नीति

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने 24 जुलाई को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों को लेकर एक सप्लीमेंट्री सवाल पूछा था. जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, “मोदी सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है."

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Centre on jammu kashmir terror attacks Terrorists will go to either jail or jahannum
राय ने बताया कि जम्मू कश्मीर के नागरिक अब शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं और उन्हें सुरक्षा की पूरी गारंटी है. (फोटो- Reuters)
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प्रशांत सिंह
24 जुलाई 2024 (Published: 17:25 IST)
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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की लगातार बढ़ती गतिविधियों पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. सरकार की तरफ से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को या तो जेल में डाला जाएगा या फिर ‘जहन्नुम’ भेजा जाएगा (Terrorists in jail or jahannum). गृह मंत्रालय की ओर से राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में ये बयान दिया गया है.

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने 24 जुलाई को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर में बढ़ते आतंकी हमलों को लेकर एक सप्लीमेंट्री सवाल पूछा था. जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा,

“मोदी सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है. हाल ही में हुई आतंकवादी गतिविधियों को समाप्त किया जाएगा. आतंकवादी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे.”

इंडिया टुडे में छपी ऋषभ शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक गृह राज्य मंत्री राय ने सदन को बताया कि पिछले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में 28 आतंकियों को मार गिराया गया है. इन घटनाओं में कुछ सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए हैं. राय ने कहा,

“2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में लगभग 900 आतंकवादियों को मार गिराया है. मोदी सरकार आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करती. हम आतंकवाद को खत्म करेंगे. मैं सदन को ये आश्वस्त करना चाहता हूं कि आतंकवादी या तो जेल में होंगे या जहन्नुम में.”

केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि 2004 से 2014 के बीच UPA सरकार के शासनकाल में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की 7,217 घटनाएं हुईं. जबकि 2014 से 21 जुलाई 2024 के बीच ये संख्या घटकर 2,259 रह गई हैं. राय ने कहा,

"ऐसा नहीं होना चाहिए था. ये दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए."

राय ने सदन को बताया कि 2004 से 2014 के बीच 2,829 नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई. 2014 के बाद से ये संख्या 67 प्रतिशत कम हुई है. यही नहीं, आतंकवाद की घटनाओं में भी '69 प्रतिशत' की कमी आई है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक अब शांतिपूर्ण माहौल में रह रहे हैं और उन्हें सुरक्षा की पूरी गारंटी है.

बता दें कि 22 जुलाई को तड़के 3.30 बजे जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों ने सेना के कैंप को निशाना बनाया. इस हमले में एक सैनिक और एक नागरिक की मौत हो गई. वहीं जवाबी गोलीबारी में एक आतंकवादी मारा गया. बीते एक महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है. इस दौरान आतंकवादियों ने बड़ी वारदातों को अंजाम देने की कोशिशें की हैं. इनमें 12 जवान शहीद हो गए और 9 आम नागरिकों की मौत हो गई.

वीडियो: जम्मू-कश्मीर: कठुआ में सेना की गाड़ी पर आतंकी हमला, 5 जवान शहीद, चश्मदीद ने क्या बताया?

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