इजरायल में बनी आपातकालीन सरकार, हमले वाला गलत सायरन किसने बजा दिया?
Israel Hamas War: हमास से निपटने के लिए इजरायल में आपातकालीन सरकार बनी है. इसमें प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज शामिल हैं.
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास से चल रहे संघर्ष (Israel-Hamas conflict) के बीच एक बड़ा फैसला लिया है. नेतन्याहू और विपक्षी नेता बेनी गैंट्ज के बीच आपातकाल सरकार बनाने पर सहमति बनी है. गैंट्ज इज़रायल के पूर्व रक्षा मंत्री और मिलिटरी चीफ़ ऑफ स्टाफ रह चुके है. उधर, इज़रायल के उत्तरी क्षेत्र में पड़ने वाले हाईफ़ा में लेबनान की तरफ से घुसपैठ की खबर भी आई है. हालांकि, इजरायल की सेना की तरफ से कहा गया कि हमले के संबंध में गलती से सायरन बज गया था.
रॉयटर्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, गैंट्ज की नेशनल यूनिटी पार्टी ने आपातकाल सरकार बनाने को लेकर एक स्टेटमेंट जारी किया. बताया गया कि बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने वॉर कैबिनेट बनाने का फैसला भी किया है. इस कैबिनेट में नेतन्याहू, गैंट्ज और इज़रायल के रक्षा मंत्री योवाव गैलेंट मौजूद होंगे.
बयान में कहा गया कि आपातकाल सरकार गाजा में हमास के साथ चल रही लड़ाई के संबंध में नीति और कानून बनाएगी. हालांकि, अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि नेतन्याहू की मौजूदा सरकार में सहयोगियों की क्या भूमिका रहेगी? रॉयटर्स ने इज़रायली समाचार एजेंसी हारेत्ज के हवाले से लिखा कि IDF के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ गाडी ईजेनकोट और रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर पर्यवेक्षक के रूप में काम करेंगे.
उत्तरी इजरायल में गलती से बजा अलार्महमास से चल रहे संघर्ष के बीच इज़रायल के उत्तरी छोर से अलार्म बजने की खबर आई. बताया गया कि वहां हमला हुआ है. इज़रायल के हाईफ़ा में रह रहे लोगों को सरकार की तरफ से कहा गया है कि वो सुरक्षित स्थानों पर रहें. हाईफ़ा में रह रहे एक भारतीय छात्र ने लल्लनटॉप को बताया,
“11 अक्टूबर की रात साढ़े 9 बजे (भारतीय समय अनुसार) के आसपास अचानक सायरन बजने की आवाज आई. यहां लगे आयरन डोम भी एक्टिव हुए. हम सभी लोग अंडरग्राउंड चले गए. इज़रायली ऑथॉरिटीज़ ने हमसे कहा कि सभी सुरक्षित स्थान पर रहें.”
छात्र ने बताया कि सरकार की तरफ से कहा गया कि सभी अपनी खिड़कियां बंद रखें. साथ ही लाइटें भी बंद रखें.
उत्तर में खतरे को लेकर IDF के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने बताया कि, वो एक फॉल्स अलार्म था. फिलहाल वहां कोई खतरा नहीं है. हगारी ने कहा ड्रोन अलर्ट जारी होने के बाद सेना मामले की जांच कर रही है.
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