फिलिस्तीन की मदद के लिए खुल रहा है रफ़ा बॉर्डर, किसके कहने पर इजरायल फट से राजी हो गया?
20 अक्टूबर को मानवीय सहायता के साथ 20 ट्रकों को मदद के लिए बॉर्डर से भेजा जाएगा. 200 से ज्यादा ट्रक रफ़ा क्रॉसिंग के पास रुके हुए हैं. जानें कितना अहम है ये बॉर्डर.
इज़रायल हमास जंग (Israel Hamas War) के बीच मिस्र ने रफ़ा बॉर्डर खोलने और वहां से गाज़ा के लोगों को मदद पहुंचाने की अनुमति दे दी है. ये जानकारी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने दी है. उन्होंने बताया कि 20 अक्टूबर को मानवीय सहायता के साथ 20 ट्रकों को मदद के लिए बॉर्डर से भेजा जाएगा. खबर है कि 200 से ज्यादा ट्रक रफ़ा क्रॉसिंग के पास रुके हुए हैं. बाइडन ने गाजा और वेस्ट बैंक में मानवीय सहायता के लिए 100 मिलियन डॉलर की घोषणा भी की है.
गाज़ा के दो तरफ इज़रायल है. तीसरी ओर समंदर है. एक सीमा मिस्र से लगती है, लेकिन वहां से भी कौन आ-जा सकता है, उसपर इज़रायल का नियंत्रण है. ऐसे में गाज़ा के आम नागरिकों की सारी उम्मीदें टिकी हैं रफ़ा क्रॉसिंग पर. ये इतनी अहम क्यों है, आइए समझें.
तीन दरवाज़े, लेकिन उम्मीद सिर्फ एक सेअगर आपको गाज़ा से निकलना हो तो तीन रास्ते हैं. या कहिए तीन बॉर्डर क्रॉसिंग्स हैं. कुछ-कुछ वैसी जैसी भारत और पाकिस्तान के बीच वाघा सीमा है. बाड़ के बीच एक गेट है. अगर आपके पास ज़रूरी कागज़ हैं, तो आप एक देश से दूसरे देश जा सकते हैं. अब इज़रायल तो फिलिस्तीन या गाज़ा को देश मानता नहीं, लेकिन बॉर्डर क्रॉसिंग पर वैसी ही सख्ती रहती है.
पहला रास्ता - इरेज़ क्रॉसिंगइरेज़ क्रॉसिंग उत्तरी गाज़ा को इज़रायल से जोड़ती है. इज़रायल ने इसी इलाके को खाली कराने का फरमान जारी कर दिया है. उत्तरी गाज़ा सुनकर लग सकता है कि पूरब, पश्चिम और दक्षिण गाज़ा खाली होंगे, लोग वहां जा सकते हैं. लेकिन हम बता दें, उत्तरी गाज़ा जिस इलाके को कहते हैं, वो गाज़ा पट्टी का करीब 40 फीसदी इलाका है. यहीं पर गाज़ा पट्टी की अधिकतर आबादी रहती है. यहां मौजूद गाज़ा शहर में ही 8 लाख लोग रहते हैं.
7 अक्टूबर को हुए हमले में हमास ने इरेज क्रॉसिंग पर भी हमला किया था. तभी से इज़रायल ने इस क्रॉसिंग को बंद कर रखा है. तो गाज़ा के लोग इरेज़ क्रॉसिंग से गाज़ा नहीं छोड़ सकते. और ना ही वहां से रसद/मदद गाज़ा आ सकती है.
दूसरा रास्ता - केरेम शलोम क्रॉसिंगदक्षिणी गाज़ा में जहां इज़रायल-मिस्र और गाज़ा की सीमा है वहीं स्थित है ये क्रॉसिंग. इसका इस्तेमाल ज़्यादातर व्यापारिक गतिविधियों के लिए किया जाता है. इस क्रॉसिंग पर भी इज़रायल ने चक्का जाम लगा रखा है. सेना तैनात है.
तीसरा रास्ता - रफ़ा क्रॉसिंग
नक्शे के हिसाब से रफ़ा क्रॉसिंग मिस्र और गाज़ा की सीमा पर है. इज़रायल की ज़मीन यहां से नहीं लगती. बावजूद इसके, यहां भी इज़रायल एक स्टेकहोल्डर है. 2007 में जब गाज़ा पूरी तरह हमास के नियंत्रण में आया, तो इज़रायल और मिस्र ने मिलकर रफ़ा क्रॉसिंग पर सुरक्षा कारण बताकर ब्लॉकेड लगा दिया. माने रफ़ा क्रॉसिंग से कौन और क्या आ-जा सकता है, इसमें इज़रायल का सीधा-सीधा दखल रहता है. जिस व्यक्ति या सामान को मिस्र या इज़रायल अपनी सुरक्षा के खिलाफ मानते हैं, उसे रोक दिया जाता है.
युद्ध की स्थिति में रफ़ा क्रॉसिंग की अहमियत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि ये वो इकलौता रास्ता है जहां से आम फिलिस्तीनी किसी दूसरे देश (मिस्र) में शरण ले सकते हैं. बाकी सीमाएं या तो इज़रायल से लगती हैं, या फिर समंदर से.
रफ़ा क्रॉसिंग वो इकलौता रास्ता था, जहां से हमले के बाद पहले कुछ दिन गाज़ा में ज़रूरी सामान की कुछ आपूर्ति होती रही. लेकिन फिर इज़रायल ने यहां भी हवाई हमले किये और इस क्रॉसिंग से भी आवाजाही बंद हो गई. बहुत सीमित संख्या में लोग क्रॉसिंग को पार कर पा रहे हैं. मदद सामग्री और ज़रूरी सामान से भरे दर्जनों ट्रक रफ़ा बॉर्डर पर खड़े हैं. हज़ारों लोग भी सीमा के पास इस उम्मीद में जमा हो रहे हैं कि जैसे ही क्रॉसिंग खुलेगी, वो हमले से बचने के लिए मिस्र चले जाएंगे.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार 7 अक्टूबर के तनाव से पहले इस बॉर्डर पर हमास और मिस्र का नियंत्रण हुआ करता था. बीबीसी ने मिस्र की मीडिया के हवाले से लिखा कि इज़रायल की ओर से बीते 9-10 अक्टूबर को हुए तीन हमलों के बाद से क्रॉसिंग बंद है. मिस्र की सरकार ने 12 अक्टूबर को इज़रायल से आग्रह किया था कि रफ़ा बॉर्डर पर बमबारी रोकी जाए ताकि गाज़ा के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके. इजरायल अब तक कह रहा था कि अगर इसे खोला गया तो हमास के आतंकी उसके यहां घुस सकते हैं. लेकिन अब अमेरिका के कहने के बाद रफा बॉर्डर खोला जा रहा है, मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए.
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