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फिलिस्तीन के लोगों के सपोर्ट में भारत खुलकर सामने आया, किस काम को जल्द करने का दबाव बनाया?

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने BRICS की मीटिंग में इजरायल-हमास युद्ध में गाजा को होने वाले नुकसान को लेकर कई अहम बातें कहीं. फिलिस्तीन के लोगों का सपोर्ट किया. इस दौरान युद्ध के बंधकों को लेकर भी जयशंकर बोले. और क्या-क्या कहा?

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युद्ध के सभी बंधको को रिहा किया जाना चाहिए, ये भी कहा एस जयशंकर ने (तस्वीर: X प्रोफाइल)
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रवि सुमन
22 नवंबर 2023 (Published: 09:19 IST)
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इजरायल-हमास युद्ध (Israel Hamas war) के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने गाजा (Gaza) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि गाजा को जल्द-से-जल्द राहत पहुंचाने की जरूरत है. जयशंकर ने राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सभी प्रयासों का स्वागत किया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध के सभी बंधको को रिहा किया जाना चाहिए.

बीते 21 नवंबर को BRICS की संयुक्त बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह बोल रहे थे. प्रधानमंत्री इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए, इसलिए जयशंकर ने उनका प्रतिनिधित्व किया. बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि गाजा में चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष से नागरिकों को कष्ट सहना पड़ रहा है. जिसमें बुजुर्ग, औरतें और बच्चे भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि जल्द-से-जल्द ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि गाजा के लोगों तक सहायता पहुंचे. ताकि उन्हें प्रभावी ढंग से राहत मिल सके. उन्होंने युद्ध के सभी बंधकों को रिहा करने की बात भी कही. 

एस जयशंकर ने इस दौरान ये भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करना सबकी जिम्मेदारी है. युद्ध में हो रहे नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारत किसी भी नागरिक की मौत की कड़ी निंदा करता है. भारत का मानना है कि फिलिस्तीनी लोगों की चिंताओं को समझते हुए सही सामाधान खोजा जाना चाहिए.

यह भी पढ़ें: गाजा के रिफ्यूजी कैंप पर इजरायल का हमला, 80 लोगों की मौत

BRICS की ऑनलाइन मीटिंग में भाग लेते सदस्य देश. (तस्वीर साभार: एस. जयशंकर, X प्रोफाइल)

उन्होंने आगे कहा कि इजरायल-हमास संकट की शुरूआत 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमले से हुई. किसी को भी आतंकवाद के साथ समझौता नहीं करना चाहिए. एस जयशंकर ने भारत के प्रधानमंत्री की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में दुनिया भर के कई नेताओं से बात की है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत फिलिस्तीनी लोगों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण और उनके राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत करने का समर्थन करता है.

जयशंकर ने कहा कि भारत ने गाजा में राहत के लिए 16.5 टन दवाओं और चिकित्सा आपूर्ति सहित 70 टन की मानवीय सहायता भी भेजी है. उन्होंने इस डिलीवरी को आसान बनाने के लिए मिस्र को धन्यवाद देते देते हुए कहा कि भारत इसी तरह राहत सहायता भेजना जारी रखेगा.

दक्षिण अफ्रिका द्वारा बुलाई गई ये बैठक ऑनलाइन मोड में हुई. भारतीय विदेश मंत्री के अलावा इस बैठक को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी संबोधित किया. एस जयशंकर ने इस बैठक के आयोजन के लिए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा को धन्यवाद देते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बोल रहे हैं. बैठक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा BRICS में जोड़े गए नए सदस्य देशों के नेता भी शामिल हुए.

एस जयशंकर ने इस बैठक को लेकर सोशल मीडिया X (ट्विटर) पर लिखा, 

"BRICS की संयुक्त बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह पर (भारत का) प्रतिनिधित्व किया."

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इजरायल-हमास युद्ध में अभी तक 12,700 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हमास के हमलों से मरने वाले इजरायल के नागरिकों की आधिकारिक संख्या लगभग 1,200 है.

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