The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • iran israel hezbollah missile ...

ईरान के हमले के बाद इजरायल के सपोर्ट में आया अमेरिका, बाइडन ने सीधे वार्निंग दे दी

Joe Biden on Iran missiles attack: बाइडन ने कहा है कि वो Israeli PM Benjamin Netanyahu से इस बारे में बात करेंगे. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Jake Sullivan ने कहा कि अमेरिकी सैन्य बलों ने इज़रायल और उसके हवाई रक्षा बलों को हमले को विफल करने में मदद की है.

Advertisement
iran israel hezbollah missile attack us president biden statement
Iran-Israel Conflict के बीच अमेरिका ने इजरायल का समर्थन किया है. (फ़ोटो - AP)
pic
हरीश
2 अक्तूबर 2024 (Updated: 2 अक्तूबर 2024, 09:50 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

इज़रायल में हुए ईरानी हमले (Iran Israel Attack) पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रतिक्रिया आई है. बाइडन (Joe Biden) ने इज़राइल के लिए भरपूर अमेरिकी समर्थन जताया है. साथ ही, उन्होंने ईरान के हमले को अप्रभावी बताया है. इस बारे में चर्चा चल रही है कि इज़राइल इसका कैसे जवाब देगा. हालांकि, बाइडन ने कहा है कि वो इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इस बारे में बात करेंगे.

बाइडन ने रिपोर्ट्स से आगे कहा कि अमेरिका पूरी तरह से इज़रायल का समर्थन करता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि ये देखना बाक़ी है कि इज़रायल इस पर क्या प्रतिक्रिया देगा. जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि इस हमले पर इज़रायल की क्या प्रतिक्रिया होगी. इस पर बाइडन ने कहा, ‘अभी सक्रिय रूप से चर्चा चल रही है. ये देखना अभी बाक़ी है.’

वहीं, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने भी कहा कि क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य बलों ने इज़रायल और उसके हवाई रक्षा बलों को हमले को विफल करने में मदद की है. बाइडन प्रशासन आगे के कदमों पर इज़रायली अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है. वॉइट हाउस में सुलिवन ने रिपोर्ट्स से कहा,

हमने स्पष्ट कर दिया है कि इस हमले के गंभीर नतीजे होंगे और हम इस मामले को सुलझाने के लिए इज़राइल के साथ मिलकर काम करेंगे.

हालांकि, सुलिवन ने ये स्पष्ट नहीं किया कि वो नतीजे क्या होंगे, लेकिन उन्होंने इज़रायल से संयम बरतने का आग्रह तो नहीं किया है. जैसा कि अमेरिका ने अप्रैल में किया था, जब ईरान ने इज़रायल पर ड्रोन और मिसाइल हमला किया था. बताया गया कि बाइडन ने नेतन्याहू से आग्रह किया था वो अप्रैल में ईरान के हमले के बाद जीत का लाभ उठाएं और व्यापक क्षेत्रीय युद्ध से बचने के लिए जवाबी कार्रवाई से बचें. क्योंकि इस हमले में इज़रायल को कोई नुकसान नहीं हुआ.

रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक़, कुछ जानकारों का कहना है कि इस बार इज़रायल की प्रतिक्रिया संभवतः ज़्यादा तीखी होगी. हो सकता है कि वो ईरान के परमाणु या तेल संयंत्रों को निशाना बनाए. हालांकि, कुछ जानकार बताते हैं कि इज़रायल की प्रतिक्रिया पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका अभी भी पर्दे के पीछे काम कर रहा है.

ये भी पढ़ें - ईरान ने इज़रायल को युद्ध की धमकी दी, अमेरिका से कहा- 'बीच में ना पड़ें'

अप्रैल में ईरान पर इज़रायल की जवाबी कार्रवाई अपेक्षाकृत हल्की थी. तब ऐसा माना गया कि दोनों कट्टर दुश्मनों के बीच बड़े युद्ध के जोखिम को कम करने के लिए ये हमला हल्का ही था. लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इस बार इज़रायल और भी कड़ा जवाब दे सकता है. रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक़, वाशिंगटन स्थित जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल फ़ॉर एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज़ की मध्य पूर्व विश्लेषक लॉरा ब्लूमेनफेल्ड ने कहा,

ईरान का मिसाइल हमला इज़रायल के जवाबी हमले को हरी झंडी देता है. ये अंतिम प्रहार भी हो सकता है, जिसकी नेतन्याहू सालों से तलाश कर रहे हैं.

बताते चलें, इज़रायली सेना ने कहा है कि इज़रायल पर लगभग 180 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से ज़्यादातर को रोक दिया गया. वहीं, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने हमले का बचाव किया है. उन्होंनेे इसे ईरानी हितों और नागरिकों की रक्षा में एक निर्णायक प्रतिक्रिया बताया है.

वीडियो: दुनियादारी: ईरान न्यूक्लियर डील की पूरी कहानी

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement