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सोहराबु्द्दीन 'एनकाउंटर' केस में जो IPS सात साल जेल में रहा, उसने अब क्या कहानी सुनाई?

साल 2014 में रिहा हुए थे IPS दिनेश MN.

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IPS Dinesh MN talks about Sohrabuddin encounter case and his time in jail
1995 बैच के IPS अफसर हैं दिनेश MN (फोटो-आजतक)
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ज्योति जोशी
21 फ़रवरी 2023 (Updated: 21 फ़रवरी 2023, 23:48 IST)
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सोहराबुद्दीन शेख ‘एनकाउंटर’ केस में IPS दिनेश MN सात साल तक जेल में रहे थे (Dinesh MN on Sohrabuddin Encounter Case). लल्लनटॉप के नए शो बैठकी के दूसरे एपिसोड में IPS दिनेश MN ने पूरे केस पर खुलकर बात की. उन्होंने जेल पहुंचने से लेकर जेल में सात सालों तक अपराधियों के बीच रहने की कहानी सुनाई है.

'बिना किसी सबूत के जेल में रहा'

गिरफ्तारी को लेकर दिनेश बताते हैं,

2007 अप्रैल में मुझे अरेस्ट किया गया था. तब मैं उदयपुर का SP था. हम साढ़े पांच साल अहमदाबाद जेल में रहे. इसके बाद डेढ़ साल नवी मुंबई की तलोजा जेल में रहे. 2014 मई में मेरी जमानत हुई. सितंबर 2018 तक बाकी सभी अधिकारी भी बरी हो गए. मुझे सात साल तक जेल में रहना पड़ा. मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था.

दिनेश MN ने बताया कि जेल में उन्हें और उनके साथ गए अन्य लोगों को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिला. उन्होंने बताया,

सुबह 5-5:30 बजे बैरक खुलता. उसके बाद हम 12 बजे तक बाहर रहते. 12 से 3 बंद करते. वापस 3 से 5:30 बजे तक खोलते. फिर शाम 5:30 बजे के बाद बंद कर देते. हमारा केस हाई प्रोफाइल था, कोई स्पेशल ट्रीटमेंट थोड़ा भी मिलता तो हाईलाइट हो जाता. 

IPS अफसर ने जेल में कैसे काटे दिन?

दिनेश बताते हैं कि शुरुआत में ये सब बहुत शॉकिंग था, लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और जेल के नियम के हिसाब से खुद को ढाला. वो बताते हैं,

हम 13-14 लोग थे साथ में, तो एक-दूसरे से मिलने में और बातचीत करने में वक्त निकल जाता था.

दिनेश MN ने आगे बताया कि जेल में वो एक्सरसाइज और योग किया करते थे. मंजूरी मिलने के बाद थोड़ा-बहुत बैडमिंटन खेल लेते थे. उन्होंने बताया कि इस तरह थक जाने पर जेल का खाना भी अच्छा लगता और नींद भी आ जाती थी. जेल में उन्होंने खूब किताबें पढ़ीं. 

सोहराबुद्दीन 'एनकाउंटर' केस क्या है?

2005 में अहमदाबाद में राजस्थान और गुजरात पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में सोहराबुद्दीन शेख को ‘एनकाउंटर’ के दौरान मार दिया गया था. इस ‘एनकाउंटर’ पर सवाल उठे थे. 2006 में सोहराबुद्दीन के साथ रहे तुलसी प्रजापति का भी ‘एनकाउंटर’ कर दिया गया. केस गुजरात CID तक पहुंचा और 2010 में CBI भी केस की जांच में शामिल हुई. केस सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इस केस को सुन रही मुंबई CBI कोर्ट ने केस से जुड़े सीनियर पुलिस ऑफिसर और राजनेताओं को ट्रायल से पहले ही बरी कर दिया. छोड़े गए 16 अभियुक्तों में नेता, बैंकर, उद्योगपति और अधिकारी शामिल थे.

वीडियो: बैठकी: आईपीएस दिनेश एमएन ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर के बारे में सौरभ द्विवेदी से क्या बताया?

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