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हड़प्पा काल की साइट पर रिसर्च करने गई थी IIT दिल्ली की छात्रा, मिट्टी ढहने से मौत हो गई

गुजरात के लोथल में रिसर्च करने गई IIT दिल्ली की एक स्टूडेंट की मौत उस वक्त हो गई, जब वो मिट्टी का सैंपल लेने के लिए 10 फीट गहरे एक गड्ढे में उतरी थी. उसी वक्त गड्ढे में अचानक मिट्टी धंसने से छात्रा की मौत हो गई.

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IIT Delhi student died due to mudslide in Lothal, Gujarat, had gone into the pit to collect soil for research.
मिट्टी धंसने से IIT दिल्ली की छात्रा की मौत (Photo Credit: Aaj Tak)
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अतुल तिवारी
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28 नवंबर 2024 (Published: 13:09 IST)
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गुजरात के लोथल (Lothal, Gujarat) में रिसर्च करने गई IIT दिल्ली की एक स्टूडेंट की मौत गई. हादसे के वक्त छात्रा इस हड़प्पा कालीन साइट से मिट्टी का सैंपल ले रही थीं. घटना के वक्त उसके साथ एक महिला प्रोफेसर भी थीं. दोनों 10 फीट गहरे गड्ढे में उतरीं थीं. तभी मिट्टी धंसने लगी. घटना में सुरभि वर्मा नाम की छात्रा की मौत हो गई. हादसे में महिला प्रोफेसर गंभीर रूप से घायल हो गईं. 

अहमदाबाद से 80 किलोमीटर दूरी पर मौजूद लोथल, हड़प्पा संस्कृति का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल माना जाता है. इसी ऐतिहासिक जगह पर रिसर्च करने के उद्देश्य से आईआईटी गांधीनगर (IIT Gandhinagar) और आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) की चार सदस्यों की टीम गई हुई थी. IIT दिल्ली से 24 साल की सुरभि वर्मा और 45 वर्षीय आर्कियोलॉजिस्ट प्रोफेसर यामा दीक्षित मिट्टी के नमूने इकट्ठे करने के लिए एक 10 फीट गहरे गड्ढे में उतरीं थी. मिट्टी बहुत ही ढीली थी. अचानक मिट्टी का एक बड़ा हिस्सा धंसकर उन दोनों पर गिर गया. जिसके नीचे सुरभी वर्मा और यामा दीक्षित फंस गई. दोनों को बचाने के लिए तुरंत एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड समेत स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. लेकिन सुरभी वर्मा की नहीं बचाया जा सका. टीम के अन्य दो सदस्य एसोसिएट प्रोफेसर वीएन प्रभाकर और सीनियर रिसर्च फेलो शिखा राय गड्ढे के बाहर थे. दोनों आईआईटी गांधीनगर के पुरातत्व विज्ञान केंद्र से हैं.

इंडिया टुडे के रिपोर्टर अतुल तिवारी के मुताबिक, अहमदाबाद रूरल के SP ओम प्रकाश जाट ने बताया-

“टीम ने लोथल में एक गड्ढा खोदा था और नमूने एकत्र कर रही थी, तभी गड्ढा ढह गया, जिससे चार में से दो सदस्य घटनास्थल पर ही दब गए. दुर्घटना की जगह से और पुलिस स्टेशन के बीच की दूरी ज्यादा होने की वजह से पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचने में 15 मिनट लगे. हम प्रोफेसर दीक्षित को बचाने में कामयाब रहे लेकिन उनकी हालत नाजुक थी. उन्हें CHC बगोदरा, अहमदाबाद और बाद में गांधीनगर के अपोलो अस्पताल ले जाया गया क्योंकि उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और उनका ऑक्सीजन लेवल सामान्य से कम था.”

यामा दीक्षित आईआईटी-दिल्ली के CAS (Centre for Atmospheric Sciences) में सहायक प्रोफेसर हैं. यहीं से सुरक्षि वर्मा अपनी रिसर्च भी कर रही थीं. फिलहाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI), वडोदरा सर्कल ने घटना की जांच करने और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक टीम लोथल भेजी है.

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