आजादी से अब तक संसद के केवल 3 विशेष सत्र ही बुलाए गए, जानिए कब और क्यों?
76 सालों में केवल तीन, जिनमें से एक तो मोदी सरकार ने ही बुलाया था
केंद्र की मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने 31 अगस्त को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस सत्र में पांच बैठकें होंगी. इसके बाद 31 अगस्त की शाम आते-आते सूत्रों के हवाले से खबर आई कि विशेष सत्र में सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल ला सकती है. ये बिल आएगा या नहीं, इसकी तस्वीर सत्र चालू होने पर साफ होगी.
पर क्या आपको पता है इससे पहले कब-कब और किस कारण से संसद के विशेष सत्र बुलाए गए. यही हम आपको आगे बताएंगे.
आजादी के बाद पहला विशेष सत्र
- ये सत्र 8 और 9 नवंबर 1962 को बुलाया गया था. उस वक्त देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे.
- ये सत्र भारत-चीन युद्ध को देखते हुए बुलाया गया था.
दूसरा विशेष सत्र
- देश के 12वें प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में दूसरा विशेष सत्र बुलाया गया था. सत्र 25 अगस्त से 1 सितंबर तक चला था.
- इस सत्र का मुख्य मुद्दा देश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर भारत के विकास पर चर्चा करना था.
तीसरा विशेष सत्र
- ये मोदी सरकार का पहला विशेष सत्र था. सत्र 26 और 27 नवंबर को आयोजित किया गया था.
- ये सत्र संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ को देखते हुए बुलाया गया था. सत्र में 26 नवंबर संविधान दिवस के रूप में बनाने की घोषणा हुई थी.
इन विशेष सत्रों के अलावा कई मध्यरात्रि सत्र भी बुलाए जा चुके हैं. आईए जानते कब-कब और क्यों?
पहला मध्य रात्रि सत्र
- 14 और 15 अगस्त, 1947 को हुआ ये सत्र देश की संसद का पहला सत्र था. इसमें ब्रिटिश राज से भारतीय लोगों को ‘ट्रांसफर ऑफ पावर’ किया गया था.
दूसरा मध्य रात्रि सत्र
- साल 1972 में 14 और 15 अगस्त के दिन ये सत्र आयोजित किया गया था. सत्र का उद्देश्य भारत की आजादी के 25 साल का जश्न मनाना था.
तीसरा मध्य रात्रि सत्र
- ये सत्र 9 अगस्त, 1992 को बुलाया गया था. सत्र ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की पचासवीं वर्षगांठ मनाने के लिए बुलाया गया था.
चौथा मध्य रात्रि सत्र
- देश की आजादी की पचासवीं वर्षगांठ मनाने के लिए ये सत्र 14 और 15 अगस्त को बुलाया गया था.
पांचवा मध्य रात्रि सत्र
- 30 जून, 2017 के दिन ये सत्र बुलाया गया था. इसका उद्देश्य देशभर में GST लागू करना था.
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