GVK ग्रुप क्या है? जिसे लेकर राहुल ने अडानी और सरकार के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया
राहुल गांधी के आरोपों पर GVK ग्रुप के चेयरमैन ने जवाब भी दिया है
GVK ग्रुप के वाइस चेयरमैन जीवी संजय रेड्डी ने कहा है कि मुंबई एयरपोर्ट बेचने के लिए अडानी ग्रुप या किसी और की तरफ से कोई दबाव नहीं था. ये मामला राहुल गांधी के लोकसभा में दिए भाषण से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार ने GVK ग्रुप पर दबाव डालकर मुंबई एयरपोर्ट को 'हाइजैक' किया और अडानी ग्रुप को सौंप दिया.
संजय रेड्डी ने NDTV से बात करते हुए कहा,
इस डील के लिए हम करीब एक साल पहले से विचार कर रहे थे. हमने 10 साल पहले बेंगलुरु एयरपोर्ट के लिए कर्ज लिया था, जो बकाया था. इसके लिए हमारी इन्वेस्टर्स के साथ बातचीत चल रही थी और तीन इन्वेस्टर्स के साथ करार भी हुआ. डील पूरी होने में परेशानी आई क्योंकि इन्वेस्टर्स कई तरह की शर्तें लगा रहे थे.
उन्होंने आगे कहा कि इसी बीच कोविड आ गया और तीन महीने के लिए एयरपोर्ट का बिजनेस ठप हो गया.
संजय रेड्डी ने कहा,
इससे हमारे ऊपर दबाव और बढ़ गया. हम जल्द से जल्द इन्वेस्टर्स तलाश कर रहे थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. उसी समय गौतम अडानी मुझसे मिले और कहा कि वे मुंबई एयरपोर्ट लेने में इंटरेस्टेड हैं. हमारे लिए फायदे वाली बात ये थी कि वे डील का पूरा पैसा एक महीने में ही देने को तैयार थे.
राहुल गांधी के आरोपों पर संजय ने कहा,
राहुल ने अडानी-मोदी कनेक्शन बताया था!"न तो CBI न ED और न ही अडानी ग्रुप ने हम पर किसी तरह का दबाव डाला. हमने डील इसलिए की क्योंकि कंपनी को कर्जदारों को देने के लिए पैसों की जरूरत थी. संसद में और जो भी कुछ कहा गया उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, क्योंकि मैं राजनीति में नहीं पड़ना चाहता."
मंगलवार, 7 फरवरी को राहुल गांधी ने संसद में आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने GVK ग्रुप पर दबाव डालकर मुंबई एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप को सौंपा था. उन्होंने कहा कि बिना अनुभव वाले लोगों को एयरपोर्ट का काम नहीं मिलता है. अडानी के पास इस काम का कोई अनुभव नहीं है, लेकिन नियम बदलकर उन्हें छह एयरपोर्ट की जिम्मेदारी दी गई. पहले ये नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के व्यवसाय में नहीं है, तो वो इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता. बता दें कि अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड ने जुलाई 2021 में GVK ग्रुप से मुंबई एयरपोर्ट खरीदा लिया था.
GVK ग्रुप की हिस्ट्री जान लीजिएGVK ग्रुप की स्थापना 22 मार्च, 1937 को जन्मे जीवी कृष्ण रेड्डी ने की थी. सात भाई और एक बहन के बीच सबसे बड़े जीवी रेड्डी ने 21 साल की उम्र में कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया था. उन्होंने कंस्ट्रक्शन से जुड़ा पहला काम नागार्जुन सागर डैम से जुड़ी एक नहर के प्रोजेक्ट पर किया था. परिवार के खेती से जुड़े होने की वजह से उनका इंटरेस्ट खेती से जुड़े कामों में भी था. इसलिए जैसे ही नहर का काम पूरा हुआ उन्होंने नोवोपन नाम से कंपनी बनाई, जो लकड़ी के फर्नीचर से जुड़ा कामकाज करती है.
धीरे-धीरे उनका बिजनेस चल निकला. बाद में कंपनी ने कोल, स्टील, एयरपोर्ट, टेक्नोलॉजी, फार्मेसी, ट्रांसपोर्ट और रियल एस्टेट जैसे कई सेक्टरों में कामकाज शुरू किया. ग्रुप ने 1996 में भारत का पहला निजी बिजली संयंत्र स्थापित किया और 2006 में मुंबई में देश के पहले प्राइवेट एयरपोर्ट का प्रोजेक्ट शुरू किया. ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक, वो अब तक 25 हजार करोड़ का निवेश कर चुका है. करीब 17 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है.
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