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गुजरात पुलिस की हिरासत में दलित युवक का टॉर्चर! इलाज के दौरान हुई मौत, आरोपी इंस्पेक्टर फरार

Gujarat Police के सब इंस्पेक्टर पर आरोप है कि उसने Dalit शख्स के रिश्तेदारों को थाने बुलाकर उसका torture ना करने के बदले 3 लाख रुपये की रिश्वत भी मांगी थी.

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पुलिस पर तीन लाख रुपये रिश्वत मांगने का भी आरोप (सांकेतिक फोटो- इंडिया टुडे)
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ज्योति जोशी
25 जनवरी 2024 (Updated: 25 जनवरी 2024, 14:50 IST)
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गुजरात के जूनागढ़ में पुलिस पर एक दलित (Dalit) शख्स की हत्या का आरोप लगा है (Gujarat Custodial Death). मृतक को धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट किया गया था. आरोप है कि दो दिन की पुलिस कस्टडी (Police Custody) के बाद जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो उसके सिर पर पट्टी बंधी थी. ठीक से चल भी नहीं पा रहा था. सुनवाई के दौरान उसने बताया था हिरासत में उसकी डंडों से बुरी तरह पिटाई की गई. 24 जनवरी को अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मृतक की पहचान 43 साल के हर्षिल जादव के तौर पर हुई है. वो सूरत का रहना वाला था. परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं.

आरोपी सब इंस्पेक्टर मुकेश मकवाना फिलहाल फरार है. मुकेश के खिलाफ केस दर्ज कर उसे सस्पेंड कर दिया गया था. पहले IPC की धारा 307 (हत्या की कोशिश) और 331 (जबरन वसूली के लिए गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत केस दर्ज किया गया था. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, हर्षिल की मौत के बाद हत्या की धारा भी जोड़ दी गई.

शिकायत दर्ज कराने थाने गया था!

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ी सोहिनी घोष ने मामले पर रिपोर्ट तैयार की है. मृतक के बड़े भाई ब्रिजेश जादव ने बताया कि हर्षिल 9 जनवरी को शिकायत दर्ज कराने के लिए अहमदाबाद के बोदकदेव पुलिस स्टेशन गया था, तब पुलिस ने उसे बताया कि जूनागढ़ में एक धोखाधड़ी के मामले में उसके खिलाफ केस दर्ज है. इसके बाद 10 जनवरी की शाम को हर्षिल को जूनागढ़ मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. 

'3 लाख रुपये रिश्वत मांगी'

आरोप है कि सब इंस्पेक्टर मुकेश ने हर्षिल के रिश्तेदारों को अपने ऑफिस में बुलाकर उसे ना मारने के बदले 3 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की. ब्रिजेश की शिकायत के मुताबिक, परिवार वालों रिश्वत नहीं दे पाए जिसके बाद 11 जनवरी को उन्हें हर्षिल से मिलने नहीं दिया गया.

ये भी पढ़ें- पुलिस कस्टडी में 'हालत बिगड़ी', फिर मौत, पुलिस बोली - "हमने तो अरेस्ट ही नहीं किया"

फिर 12 जनवरी को हर्षिल को दोबारा मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया. आरोप है कि उस दिन हर्षिल को एक ऑटोरिक्शा में लाया गया, उसके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी और चलने में दिक्कत हो रही थी. शिकायत के मुताबिक, हर्षिल ने अदालत को बताया था कि सब इंस्पेक्टर मुकेश ने उस पर लाठियों से हमला किया था. इस पर मजिस्ट्रेट ने शिकायत भी दर्ज की.

पैरों में गंभीर चोटें थीं!

पेशी के बाद हर्षिल को जेल और फिर जूनागढ़ सिविल अस्पताल ले जाया गया. 15 जनवरी को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. हर्षिल अपने परिवार के साथ अहमदाबाद लौटा. 16 जनवरी को पैरों में दर्द कि शिकायत के चलते उसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल ले जाया गया. पता चला कि दोनों पैरों में लिगामेंट टीयर है. फिर एक पैर में फ्रैक्चर का भी पता चला. 21 जनवरी को फिर अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हर्षिल की मौत हो गई.

पुलिस ने क्या कहा? 

इंस्पेक्टर गायत्री राजपूत बताया कि जूनागढ़ पुलिस को हर्षिल के खिलाफ लगभग चार महीने पहले शिकायत मिली थी. उसे कई बार बुलाया गया था. लेकिन उसका कोई पता नहीं चला. इसके बाद जूनागढ़ पुलिस ने 9 जनवरी की रात को हर्षिल को बोदकदेव थाने से हिरासत में लिया था. बताया जा रहा है कि आरोपी मुकेश को 23 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया था और कुछ दिनों से वो फरार है. 

वीडियो: उत्तर प्रदेश पुलिस कस्टडी में दिलशाद की मौत को एक्सीडेंट बताया, अब पुलिस वालों पर FIR क्यों करनी पड़ी

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