The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • Government of India sent one f...

सरकार ने ट्विटर को ‘आख़िरी’ नोटिस भेज किस बात की चेतावनी दे दी है?

नए IT नियमों को मानने की डेडलाइन 26 मई थी.

Advertisement
Img The Lallantop
ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच तनातनी का दौर जारी है.
pic
अभिषेक त्रिपाठी
5 जून 2021 (Updated: 5 जून 2021, 12:46 IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच नए IT नियमों को लेकर माहौल गरमाता ही जा रहा है. 5 जून को केंद्र ने ट्विटर को ख़त लिखा. और ख़त में लिखा –
“यूं तो नए IT नियमों को मानने की डेडलाइन 26 मई ही थी. लेकिन भलमनसाहत के नाते हम आपको एक आख़िरी नोटिस भेज रहे हैं. अभी भी नए नियमों को न मानने की सूरत में ट्विटर को IT एक्ट के तहत मिल रही सुविधाओं से वंचित किया जा सकता है. इसके लिए ट्विटर ख़ुद ज़िम्मेदार होगा.”
इसी नोटिस में आगे लिखा है -
“ट्विटर एक दशक से भी अधिक समय से भारत में ऑपरेशनल है. ऐसे में ये बात यकीन से परे है कि ट्विटर इंडिया अब तक ऐसा कोई मैकेनिज़्म तैयार नहीं कर पाया है कि जिससे भारत के लोगों की समस्याओं को समय से और पारदर्शी तरीके से सुलझाया जा सके. ट्विटर का नए IT नियमों को न मानना ये जताता है कि उनका इस दिशा में कोई कमिटमेंट नहीं है.”
ट्विटर और सरकार आमने-सामने दरअसल ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच तनातनी का दौर जारी है. ट्विटर ने 27 मई को नए आईटी नियमों को लेकर पहली बार प्रतिक्रिया दी थी. उसने सरकार के बनाए नियमों को मानने पर हामी जरूर भरी, लेकिन साथ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल भी उठा दिया. पुलिस पर डराने-धमकाने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाते हुए चिंता जताई. ट्विटर ने कहा कि वह मौजूदा कानून का पालन करने का प्रयास करेगा. हालांकि, नए नियमों के उन प्रावधानों में बदलाव के लिए कहा जो कथित तौर पर ‘मुक्त और खुली बातचीत’ के आड़े आते हैं. ट्विटर का ये स्टेटमेंट दिल्ली पुलिस की उस कार्रवाई के बाद आया जिसमें पुलिस ट्विटर के गुरूग्राम, लाडो सराय स्थित ऑफ़िस पहुंच गई थी. 27 मई की शाम को ही इस पर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी. उसने ट्विटर से साफ कहा कि वह देश के नियम-कायदे के हिसाब से ही चले. इधर-उधर की बातें न करे. देश के कानून का पालन करे. सरकार के मुताबिक, कानून और नीतियां बनाना सरकार का काम है. ट्विटर मात्र एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. उसे यह अधिकार नहीं कि वह बताए कि पॉलिसी कैसी होनी चाहिए. सरकार ने यह भी कहा कि ट्विटर के आरोप पूरी तरह से आधारहीन और सरकार को बदनाम करने वाले हैं. ट्विटर के किसी भी कर्मचारी को डरने की जरूरत नहीं है.

Comments
thumbnail

Advertisement

Advertisement