जर्मनी में पुलिस बिना पैंट के ड्यूटी करने को मजबूर, वीडियो वायरल, वजह जान तरस आ जाएगा
जर्मनी पुलिस यूनियन (DPolG) ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में दो पुलिस अधिकारी अपनी BMW कार में बैठे हुए एक दूसरे से पूछते हैं कि आप वर्दी के लिए कितने समय से इंतराज कर रहे हैं? इस पर दूसरा अधिकारी जवाब देता है कि करीब छह महीने से इंतजार कर रहे हैं.
जर्मनी का एक राज्य है बवेरिया. यहां के पुलिसकर्मी इन दिनों बिना पैंट के घूम रहे हैं. आपने सही पढ़ा. उन्होंने विरोध के रूप में पैंट नहीं पहनने का फैसला किया है. दरअसल, राज्य के पुलिस विभाग के यूनिफार्म स्टॉक में काफी कमी हो गई है. इसके खिलाफ कपड़े उतार कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है (German police pantless).
जर्मनी पुलिस यूनियन (DPolG) ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में दो पुलिस अधिकारी अपनी BMW कार में बैठे हुए एक दूसरे से पूछते हैं कि आप वर्दी के लिए कितने समय से इंतराज कर रहे हैं? इस पर दूसरा अधिकारी जवाब देता है कि करीब छह महीने से इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद वे पुलिसकर्मी कार से उतरते हैं तो बिना पैंट के दिखते हैं.
जर्मन न्यूज संस्थान DW की रिपोर्ट के मुताबिक बवेरियन पुलिस (DPolG) के अध्यक्ष यगेन कुह्नलायन ने इस समस्या पर कहा, “यह अप्रैल फूल जैसा मजाक लगता है. इसमें हंसने लायक कुछ भी नहीं है. वर्दी की समस्या बहुत पुरानी है. बवेरिया की पुलिस को बिना वर्दी के ड्यूटी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.”
सरकार ने समस्या को स्वीकारासरकार भी इस समस्या को स्वीकार करती है. जर्मनी गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार, 3 अप्रैल को यूनिफॉर्म स्टॉक की समस्या को स्वीकार करते हुए कहा कि यूनिफ़ॉर्म और अन्य पार्ट्स की आपूर्ति में चुनौतियां आ रही हैं और उनके लिए एक बड़ी परेशानी है. मंत्रालय ने समस्या को तुरंत सुधारने की बात भी कही. उनकी तरफ से आगे कहा गया, "इस समस्या का समाधान जल्दी ही हो जाएगा, भले ही इसके लिए ज्यादा पैसे लगाने पड़ें. 2020 के बाद से वर्दी की गुणवत्ता में कमी की कोई शिकायत नहीं आई है. लेकिन कुछ कारणों से सिर्फ यूनिफॉर्म में स्टॉक की कमी है."
बवेरिया राज्य के अधिकारियों का कहना है कि वर्दी खरीद को आउटसोर्स करने के बाद अब वे डिलीवरी लॉजिस्टिक का काम खुद संभालेंगे. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सेना के यूनिफॉर्म की आपूर्ति पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है. उनकी तरफ से आगे दावा किया गया कि 2030 तक बवेरिया में एक नया रसद केंद्र चालू हो जाएगा, जिससे डिफेंस की बाहरी खरीदारों पर निर्भरता कम हो जाएगी.
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