गौरव वल्लभ ने थामा बीजेपी का दामन, 'सनातन विरोधी' होने की बात कह छोड़ी थी कांग्रेस
BJP जॉइन करने के बाद Gourav Vallabh ने कहा कि हमेशा से चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बने. इससे पहले उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देते वक्त कहा था कि वो सनातन को कोसते-कोसते थक चुके हैं.
कांग्रेस के प्रवक्ता रहे गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद बीजेपी जॉइन कर ली. 4 अप्रैल की सुबह-सुबह गौरव वल्लभ ने एक पोस्ट कर कांग्रेस छोड़ने की जानकारी दी थी. वजह बताते हुए लिखा कि वो सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकते हैं. इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने भी कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है.
4 अप्रैल को गौरव ने पोस्ट में लिखा,
कांग्रेस पार्टी आज जिस तरह से दिशाहीन होकर आगे बढ़ रही है, उसमें मैं खुद को सहज महसूस नहीं कर पा रहा. मैं ना तो सनातन विरोधी नारे लगा सकता हूं और ना ही सुबह-शाम देश के वेल्थ क्रिएटर्स को गाली दे सकता. इसलिए मैं कांग्रेस पार्टी के सभी पदों व प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं.
कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद गौरव वल्लभ बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. और आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली. गौरव वल्लभ ने कहा
मेरा शुरू से यह दृष्टिकोण रहा है कि भगवान श्री राम का मंदिर बने, न्योता मिले और कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता.
दो दिन के अंदर कांग्रेस को लगा ये दूसरा झटका है. इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने एक और नेता संजय निरुपम को 6 साल के लिए निष्कासित करने का फैसला सुनाया था. अब संजय निरुपम ने दावा किया है कि पार्टी के इस फैसले से पहले ही वो इस्तीफा दे चुके थे. इस दावे के सपोर्ट में उन्होंने सबूत भी पेश किया है. बता दें, पिछले कुछ समय से संजय पार्टी हाईकमान के खिलाफ बोल रहे थे. उन पर ‘INDIA’ गठबंधन की सहयोगी शिवसेना (उद्धव गुट) के खिलाफ बोलने का भी आरोप लगा था.
संजय निरुपम ने ट्वीट में लिखा,
ऐसा लगता है कि कल रात पार्टी को मेरा इस्तीफा मिलने के तुरंत बाद कांग्रेस ने मेरा निष्कासन जारी करने का फैसला लिया. इतनी तत्परता देखकर अच्छा लगा. बस यह जानकारी साझा कर रहा हूं. मैं आज दोपहर में मामले पर विस्तार से बयान दूंगा.
इससे पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया था, “अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने श्री संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दे दी है.” पिछले काफी समय से निरुपम नाराज बताए जा रहे थे.
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