फतवा बड़ा निगेटिव सा साउंड करता है. हमारी गलती नहीं है. फतवे के साथ खबर ही ऐसीआती है, अक्सर कोई चीज जबरिया लादी जाती है. या कुछ करने से रोका जा रहा होता है.लेकिन अबकी बार जो फतवा आया है. उससे शायद ही कोई बुरा माने. मुसलमानों के सबसेबड़े रिलीजियस सेंटर्स में से एक बरेली के दरगाह आला हजरात ने एक फतवा जारी कियाहै. उसमें कहा गया. मुंबई हमलों का दोषी आतंकवादी हाफिज सईद मुस्लिम होने लायक नहींहै. उसकी बातों को सुनना नाजायज है. फतवे में हाफिज सईद को इस्लाम से खारिज कर दियागया है. यह फतवा जारी किया है बरेली की दरगाह आला हजरत के मुफ्ती मोहम्मद सलीमबरेलवी ने. फतवा जारी करने की एक वजह थी. जयपुर में एक जने रहते हैं मोहम्मदमोइनुद्दीन. उनने पूछा था कि जो व्यक्ति इस्लाम की आइडियोलॉजी के खिलाफ प्रचार करके लोगों को आतंकवादी घटनाएं करने के लिए उकसाता है क्या उसे मुस्लिम कहा जानाचाहिए? जवाब में मुफ्ती ने कहा कि हाफिज सईद अपनी हरकतों से पूरी दुनिया में इस्लामको बदनाम कर रहा है. ऐसे आदमी को मुसलमान नहीं माना जाना चाहिए और मुसलमानों के लिएजरूरी है कि उसकी बात को नहीं सुनें और खुद को उसकी विचारधारा से दूर रखें.