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किसानों के दिल्ली मार्च से पहले बॉर्डर सील, इंटरनेट बंद, सरकार के ताजा 'ऑफर' पर किसानों ने क्या कहा?

Farmers Protest: किसानों के 'Delhi Chalo March' से पहले Punjab-Haryana में सीमाओं को सील किया जा रहा है, इस बीच सरकार ने किसानों को एक संदेश भी भेजा है.

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haryana internet suspended border sealed ahead of farmers delhi chalo march
दिल्ली की तरफ बढ़ रहे विरोध प्रदर्शन करते किसान (फोटो- PTI)
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ज्योति जोशी
11 फ़रवरी 2024 (Updated: 11 फ़रवरी 2024, 10:51 IST)
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हरियाणा (Haryana) में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmer's Protest) ने 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' मार्च (Delhi Chalo March) का एलान कर दिया है. लगभग 200 किसान संघ मार्च में हिस्सा लेंगे. इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने राज्य में 13 फरवरी तक मोबाइल इंटरनेट, बल्क SMS और डोंगल सर्विस सस्पेंड करने की घोषणा कर दी है.

Haryana में इंटरनेट बंद 

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. वॉयस कॉल के अलावा मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं सस्पेंड रहेंगी. ये आदेश 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से लेकर 13 फरवरी की रात 11:59 बजे तक प्रभावी रहेगा.

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Punjab-Haryana बॉर्डर का क्या हाल?

खबर है कि किसानों ने अंबाला-शंभू सीमा, खनौरी-जींद और डबवाली सीमा से दिल्ली जाने की योजना बनाई है. इसके चलते अंबाला, जींद और फतेहाबाद जिलों में पंजाब और हरियाणा के बीच सीमाओं को सील करने के इंतजाम किए जा रहे हैं. अंबाला में हरियाणा पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने बैरिकेडिंग करना शुरू कर दिया है. 

अंबाला के पास शंभू सीमा पर भी सुरक्षा मजबूत कर दी गई है.

चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को डेराबस्सी, बरवाला/रामगढ़, साहा, शाहबाद, कुरुक्षेत्र या पंचकुला, एनएच-344 यमुनानगर इंद्री/पिपली, करनाल जैसे दूसरे रास्तों से जाने के लिए कहा जा रहा है.  जनता से अपील की गई है कि जरूरी काम के लिए ही पंजाब जाने की योजना बनाएं. वहां आम लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

 राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां भी तैनात की हैं.

ये भी पढ़ें- दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं कर्नाटक और केरल के CM, मोदी सरकार से ये है डिमांड...

प्रदर्शन कर रहे किसानों से साफ कह दिया गया है कि वो बिना परमिशन के मार्च में हिस्सा नहीं ले सकते. चेतावनी भी दी गई है कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सरकार ने किसानों से क्या कहा?

बता दें, किसान संघ फसलों के लिए MSP की गारंटी के लिए कानून बनाने समेत कई मांगें कर रहे हैं. सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही दिल्ली जाने की योजना बनाई गई है. इस बीच केंद्र सरकार ने भी किसानों को चर्चा करने के लिए आमंत्रित कर दिया है. 

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने देर रात संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक जगजीत सिंह दल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंधेर को एक लेटर जारी किया है. इसमें दोनों को 12 फरवरी को शाम 5 बजे चंडीगढ़ के महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एक बैठक के लिए इनवाइट किया गया है.

किसानों का क्या कहना? 

मामले पर किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा,

एक तरफ तो सरकार हमें बातचीत का न्योता दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ हरियाणा में हमें डराने की कोशिश की जा रही है. बॉर्डर सील किए जा रहे हैं. धारा 144 लगा दी गई है. इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. इंटरनेट सेवा बंद करने का क्या सरकार के पास अधिकार है? 

उन्होंने कहा कि इस तरह के माहौल में बातचीत नहीं हो सकती.

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