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गुजरात के फर्जी टोल प्लाजा को लेकर दिलचस्प खुलासे, 110 रुपये की जगह लेते थे मात्र 10 रुपये

असली टोल प्लाजा से 600 मीटर दूर कुछ लोग खड़े रहते थे. ये लोग वहां से गुजरने वालों को नकली टोल प्लाजा से होकर जाने को कहते थे. आरोपी, वाहन चालकों से कहते थे कि इन पैसों का उपयोग गांव में मंदिर बनवाने के लिए किया जाएगा.

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fake toll plaza scam morbi gujarat
मामले में पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे/Jaison G)
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रवि सुमन
20 दिसंबर 2023 (Updated: 20 दिसंबर 2023, 11:41 IST)
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गुजरात में कई सालों से एक फर्जी टोल प्लाजा (fake toll plaza) चल रहा था. बीते 4 दिसंबर को गुजरात पुलिस (Gujarat Police) ने इस मामले में शिकायत दर्ज की थी. अब इस मामले में दिलचस्प खुलासे हुए हैं. गुजरात में वांकानेर से मोरबी की ओर जाते समय दो टोल प्लाजा आते थे. एक असली और एक नकली. असली वो जो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का आधिकारिक टोल प्लाजा है. यहां कारों के लिए 110 रुपये का टोल लगता है. गाड़ी में चक्कों की संख्या के आधार पर ये कीमत बढ़ती जाती है. दूसरे वाहनों के लिए 380 से 720 रुपये तक लगते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े गोपाल बी कटेशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस असली टोल प्लाजा से 600 मीटर दूर कुछ लोग खड़े रहते थे. ये लोग वहां से गुजरने वालों को नकली टोल प्लाजा से होकर जाने को कहते थे. काफी लोग उनकी बात मान भी लेते थे. कारण कि नकली टोल प्लाजा से होकर जाने पर कम पैसे देने पड़ते थे. फर्जी टोल प्लाजा से होकर गुजरने पर कार के लिए 10 रुपये और ट्रक के लिए 50 रुपये देने पड़ते थे. जो असली टोल प्लाजा से काफी सस्ता था.

साथ ही आरोपी लोगों से कहते थे कि इन पैसों का उपयोग गांव में मंदिर बनवाने के लिए किया जाएगा.

रिपोर्ट के अनुसार, इस फर्जी टोल प्लाजा से होकर जाने पर 2 किलोमीटर का फेर पड़ता था. 2 किलोमीटर का चक्कर लगाने के बाद गाड़ीवाले वापस वांकानेर से मोरबी जाने वाली हाईवे पर वापस आ जाते थे. वहीं, मोरबी से वांकानेर जाते समय मात्र 200 मीटर का चक्कर लगाना पड़ता था.

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बीते 4 दिसंबर को इस मामले में वांकानेर के वाघसिया गांव के पांच लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी. आरोपियों में वाघसिया गांव के सरपंच और उनके भाई भी शामिल हैं. इनके खिलाफ वांकानेर टाउन पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली और आपराधिक धमकी सहित IPC की धाराओं में FIR दर्ज हुई है. 

कौन वसूल रहे थे फर्जी टोल?

FIR में वघासिया गांव के सरपंच धर्मेंद्र सिंह झाला का नाम है. इनकी पत्नी वांकानेर तालुका पंचायत से भाजपा सदस्य हैं और बीते सितंबर तक इसकी अध्यक्ष थीं. धर्मेंद्र सिंह के भाई युवराज सिंह झाला के अलावा अमरशी पटेल उर्फ ​​अमरशी वंशजालिया का भी नाम FIR में शामिल है. अमरशी का परिवार बंद पड़े एक टाइल फैक्ट्री का मालिक है. इस पूरे मामले में इस फैक्ट्री का भी इस्तेमाल किया गया था. इनके आलावा, दो अन्य आरोपी रविराज सिंह झाला और हरविजय सिंह झाला है. पुलिस के मुताबिक, अमरशी को छोड़कर सभी आरोपी वाघासिया गांव के ही रहने वाले हैं. 

एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल सभी आरोपी फरार चल रहे हैं. फर्जी टोल प्लाजा के बंद होने के बाद NHAI के टोल बूथ से होकर गुजरने वाली गाड़ियों की संख्या और रोज होने वाला कलेक्शन बढ़ गया है. NHAI के टोल प्लाजा का रोज का कलेक्शन 15 लाख रुपये से बढ़कर 20 लाख हो गया है. वहीं पहले इससे होकर लगभग 7 हजार  गाड़ियां गुजरती थीं जो अब बढ़कर 8500 हो गई है.

आरोपियों ने नकली टोल बूथ से होकर जाने वाली सड़क भी बनवाई थी.

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