एलन मस्क को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग मशीन पर जरा भरोसा नहीं, बैलेट पेपर पर अड़े
इससे पहले भारत के लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद Elon Musk ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा था कि इन्हें मनुष्यों या AI द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है.
सोशल मीडिया वेबसाइट X के मालिक एलन मस्क ने एक बार फिर से चुनाव में मशीनों के इस्तेमाल को लेकर लाठी उठा ली है. मस्क मशीनों की जगह बैलेट पेपर के पक्ष में हैं (Elon Musk favors paper ballots). अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में एक टाउन हॉल कार्यक्रम में एलन मस्क ने कहा कि चुनावों में वोटों की गिनती बैलेट पेपर और हाथों से की जानी चाहिए.
एलन मस्क अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में एक टाउन हॉल कार्यक्रम में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी को चुनाव से दूर रखना चाहिए. इस ‘उद्देश्य’ के बारे में विस्तार से कहा,
“मैं एक टेक्नोलॉजिस्ट हूं, और कंप्यूटर के बारे में बहुत कुछ जानता हूं. मैं कंप्यूटर प्रोग्राम पर भरोसा नहीं करूंगा. क्योंकि इसे हैक करना बहुत आसान है. बस एक लाइन का कोड जोड़ना होता है. पेपर बैलेट को हैक करना मुश्किल है."
पेन्सिल्वेनिया में हुए कार्यक्रम का 47 मिनट 28 सेकंड का वीडियो सामने आया. इसमें मस्क ने पेपर बैलेट का समर्थन करते हुए सिर्फ 58 सेकंड बात की. मस्क ने कहा,
“आईडी के साथ व्यक्तिगत रूप से मतदान, जो वैसे हर देश में होता है. मेरा मतलब लगभग हर देश में जहां लोकतांत्रिक चुनाव होते हैं, वहां वोटिंग आईडी के साथ व्यक्तिगत रूप से मतदान करना आवश्यक होता है. ऐसा न होना बहुत अजीब है.”
हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब मस्क ने चुनावों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के खिलाफ बात की है. भारत में लोकसभा चुनाव के कुछ दिनों बाद उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा था कि इन्हें मनुष्यों या AI द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है.
मस्क के बयान के बाद पूर्व केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क से ईवीएम पर एक ट्यूटोरियल आयोजित करने की पेशकश की थी. उन्होेंने X पर लिखा था,
“ये एक सामान्य बयान है, जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता है. एलन मस्क का बयान अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वो इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटर प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं. लेकिन भारतीय ईवीएम कस्टम डिजाइन्ड हैं और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग है. न कोई कनेक्टिविटी, न कोई ब्लूटूथ या Wifi. ये फैक्टरी प्रोग्राम किए गए जाते हैं, जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता."
हालांकि, मस्क ने ट्यूटोरियल ऑफर स्वीकार नहीं किया था. उन्होंने जवाब में कहा था कि कुछ भी हैक किया जा सकता है.
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