चुनाव से पहले इलेक्शन कमिश्नर अरुण गोयल का इस्तीफा, इनकी नियुक्ति का मामला SC क्यों पहुंचा था?
Loksabha Election 2024 से पहले चुनाव आयोग में बड़ा उलट फेर हो गया है. Election Commissioner Arun Goyal ने चुनावी तैयारियों के बीच अचानक ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है... अरुण गोयल की जब नियुक्ति हुई थी, तब क्यों विवाद हुआ था?
लोकसभा चुनाव से 1 महीने पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है. निर्वाचन आयोग में पहले से ही चुनाव आयुक्त का एक पद खाली था. अभी कुछ रोज पहले ही चुनाव आयुक्त अनूप पांडे रिटायर हुए थे. पांडे का रिटायरमेंट 15 फरवरी को हुआ था. अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद आयोग में अब केवल चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) राजीव कुमार ही रह गए हैं. आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग में चीफ इलेक्शन कमिश्नर के अलावा दो और इलेक्शन कमिश्नर होते हैं (Election Commissioner Arun Goyal resigns before Lok Sabha elections 2024).
कानून मंत्रालय ने क्या बताया?शनिवार, 9 मार्च को केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय की ओर से अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर जानकारी दी गई. एक गजट अधिसूचना में कहा गया,
'राष्ट्रपति ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, जो 09 मार्च, 2024 से प्रभावी माना जाएगा'.
गजट अधिसूचना में आगे ये भी लिखा है कि नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि अधिनियम, 2023 की धारा 11 के खंड (1) के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त या फिर चुनाव आयुक्त, किसी भी समय राष्ट्रपति को लिखित रूप में अपना इस्तीफा सौंपकर पद छोड़ सकते हैं.
Arun goyal की नियुक्ति विवादों में क्यों रही थी?अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. चुनाव आयुक्त बनने से पहले अरुण गोयल केंद्र सरकार के कई विभागों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. वो काफी समय तक हाउसिंग विभाग में तैनात रहे थे. सिंचाई विभाग में भी वो सेवा दे चुके हैं.
गोयल को 31 दिसंबर 2022 को रिटायर होना था. लेकिन उन्होंने अपने रिटायरमेंट से महज 40 दिन पहले इस्तीफा दे दिया था. 18 नवंबर, 2022 को उन्होंने इस्तीफा दिया और अगले ही दिन यानी 19 नवंबर, 2022 को उन्हें चुनाव आयुक्त अपॉइंट किए जाने की घोषणा हो गई थी.
इसी बात पर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. फिर चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति की ओरिजिनल फाइल सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को सौंपी गई थी. फाइल देखने के बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा था,
'आखिरकार किस बात की इतनी जल्दबाजी थी, जो VRS लेने के अगले ही दिन अरुण गोयल को इलेक्शन कमिश्नर के पद पर नियुक्ति दे दी गई. कानून मंत्री ने शॉर्टलिस्ट किए गए नामों की सूची में से चार नाम चुने... फाइल 18 नवंबर को विचार के लिए रखी गई और उसी दिन आगे बढ़ा दी गई. यहां तक कि प्रधानमंत्री ने भी उसी दिन नाम की सिफारिश कर दी. हम कोई टकराव नहीं चाहते, लेकिन यह सबकुछ बहुत जल्दबाजी में किया गया'.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कई टिप्पणियां कीं. लेकिन अरुण गोयल की नियुक्ति को निरस्त न करने का फैसला सुनाया.
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Arun goyal नए CEC बन सकते थे!चुनाव आयोग में 21 नवंबर, 2022 को चुनाव आयुक्त का पद संभालने वाले अरुण गोयल का कार्यकाल अभी दिसंबर 2027 तक था. कहा ये भी जा रहा था कि साल 2025 में चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) राजीव कुमार के रिटायरमेंट के बाद गोयल के अगला CEC बनने की संभावना सबसे प्रबल है.
हालांकि, अरुण गोयल ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया है, अभी यह पता नहीं चल सका है.