क्या है जल जीवन मिशन में 'घोटाले' का मामला, जिसमें ED बार-बार राजस्थान पहुंच जा रही है?
ED ने राज्य में 25 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की. मामले में कुछ इंजीनियर्स, ठेकेदारों और राज्य सरकार के पूर्व अधिकारियों के घर की तलाशी हो रही है.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) की लगातार छापेमारी चल रही है. 3 नवंबर को ED ने राज्य में 25 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की. ये कार्रवाई जल जीवन मिशन योजना में कथित मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट (PHED) के मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के जयपुर और दौसा स्थित आवास पर छापेमारी की गई है.
केंद्रीय एजेंसी इस मामले में कुछ इंजीनियर्स, ठेकेदारों और राज्य सरकार के पूर्व अधिकारियों के घर की तलाशी भी कर रही है. इंडिया टुडे से जुड़े संदीप मीणा की रिपोर्ट के मुताबिक, दौसा के मानगंज में हुई छापेमारी के दौरान ED की टीम नमन रावत नाम के शख्स के घर पहुंची. नमन PHED के ठेकेदार हैं. साथ ही वो कारोबारी संजय बढ़ाया के रिश्तेदार भी हैं. ED इससे पहले संजय बढ़ाया से पूछताछ कर चुकी है. संजय बढ़ाया और नमन रावत को PHED मंत्री महेश जोशी के करीबियों के रूप में जाना जाता है.
जल जीवन मिशन में घोटाला?राजस्थान में इस योजना में कथित घोटाले की जानकारी राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की एक FIR के बाद सामने आई थी. FIR में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी नाम की कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और कई अन्य लोगों पर गलत तरीके से टेंडर लेने और अवैध संरक्षण प्राप्त करने के आरोप लगे थे. इन सभी पर आरोप लगे थे कि इन्होंने सरकारी अफसरों से अवैध संरक्षण प्राप्त किया था. साथ ही PHED के कार्यों में हुई अनियमितताओं को छुपाने के आरोप भी लगे थे.
जांच एजेंसी ने अपने एक बयान में दावा किया था कि आरोपियों ने प्रोजेक्ट में इस्तेमाल करने के लिए हरियाणा से चोरी के सामान की खरीद भी की थी. साथ ही उन्होंने PHED से कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त करने के लिए IRCON (सरकारी कंपनी) से काम खत्म होने संबंधी फर्जी लेटर भी प्राप्त किए थे.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ीमल मीणा ने जल जीवन मिशन योजना में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया था. इस साल जून महीने में मीडिया को संबोधित करते हुए मीणा ने दावा किया था कि दो कंपनियों को फर्जी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट के आधार पर 900-900 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए थे. ये टेंडर जल जीवन मिशन के कुल 48 प्रोजेक्ट्स के लिए पास किए गए थे.
मीणा ने इस स्तर का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये घोटाला PHED मंत्री और डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी ने साथ मिलकर किया था. उन्होंने सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच की मांग की थी. ये दावा भी किया था कि परियोजनाओं में हुई अनावश्यक देरी का खामियाजा राज्य के 8 करोड़ लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है. इस स्कीम को राजस्थान में राज्य PHED द्वारा लागू किया जा रहा है.
कौन हैं IAS सुबोध अग्रवाल?सुबोध अग्रवाल 1988 बैच के IAS ऑफिसर हैं. फिलहाल अग्रवाल PHED डिपार्टमेंट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (ACS) के पद पर तैनात हैं. अग्रवाल इस पद पर अप्रैल 2022 से मौजूद हैं. इससे पहले वो मई 2018 से सितंबर 2022 के बीच राज्य के उच्च शिक्षा और टेक्निकल एजुकेशन डिपार्टमेंट में ACS के पद पर कार्यरत थे.
अग्रवाल ने राज्य सरकार में MSME डिपार्टमेंट और फूड सिविल सप्लाइज व कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के पद पर भी काम किया है. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल से की है. इसके बाद 1983-87 के बीच IIT दिल्ली से B.Tech की पढ़ाई की. 2007-08 में उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी की पढ़ाई की थी.
गहलोत ने घिनौनी राजनीति बतायाED की छापेमारी पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि क्या इतने बड़े मुल्क में आर्थिक अपराध नहीं हो रहे हैं? एजेंसियों को वहां ध्यान देना चाहिए. ED का ध्यान सिर्फ राजनेताओं पर जा रहा है. गहलोत के मुताबिक, ED को उनके प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और उनके बेटे के पास कुछ नहीं मिला. सरकार गिराने के लिए ED का उपयोग करना गलत है. चुनाव जीतने के लिए ED, CBI के जरिए घिनौनी राजनीति हो रही है.
एक दिन पहले राजस्थान ACB ने 15 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में ED के ही एक अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया था. ED अधिकारी पर चिटफंड से जुड़े मामले को बंद करने, संपत्ति कुर्क नहीं करने और गिरफ्तारी से बचाने के लिए 15 लाख रुपये मांगने का आरोप है.
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