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नाबालिग का रेप करने वाले BJP विधायक को 25 साल की जेल, 10 लाख का जुर्माना ठुका

पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि BJP विधायक रामदुलार गोंड को कोर्ट ने कठिन कारावास की सजा सुनाई है. 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, वो पीड़िता को पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे.

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 BJP MLA Ramdular Gond convicted in a rape case
BJP विधायक रामदुलार गोंड को सोनभद्र की MP/MLA कोर्ट ने सजा सुनाई. (फोटो: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
15 दिसंबर 2023 (Updated: 15 दिसंबर 2023, 18:15 IST)
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नाबालिग से रेप के मामले में BJP विधायक रामदुलार गोंड (BJP MLA Ramdular Gond) को 25 साल जेल की सजा सुनाई गई है. यूपी की दुद्धी विधानसभा सीट से विधायक रामदुलार पर सोनभद्र की MP/MLA कोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. आजतक के विधु शेखर मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में कोर्ट ने 12 दिसंबर को BJP विधायक को दोषी करार दिया था. इसके बाद रामदुलार गोंड को जेल भेज दिया गया था. 15 दिसंबर को सजा का एलान किया गया है.

रेप करने वाले BJP विधायक को सजा

पीड़ित पक्ष के वकील विकास शाक्य ने बताया कि BJP विधायक को कोर्ट ने कठिन कारावास की सजा सुनाई है. विधायक पर जो 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, वो पीड़िता को पुनर्वास के लिए दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि 9 साल तक लगातार मुकदमा चला. 300 से अधिक तारीखें चलीं. अब कोर्ट का फैसला आया है. पीड़ित परिवार संतुष्ट है.

ये भी पढ़ें- पैसों का लालच और धमकियां.. 9 साल में नाबालिग के बलात्कारी BJP विधायक ने क्या-क्या किया?

9 साल पहले क्या हुआ था?

घटना 4 नवंबर, 2014 की है. शाम 7 बजे पीड़ित बच्ची रोती हुई घर आई. उसने घरवालों को बताया कि रामदुलार गोंड ने उसका रेप किया है. तब वो विधायक नहीं थे, लेकिन रामदुलार गोंड की पत्नी म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की प्रधान थीं. यानी रामदुलार 'प्रधानपति' थे. गांव में चलती थी. पीड़िता के परिजनों ने थाने में गोंड के खिलाफ तहरीर दी.

गोंड पर IPC की धारा-376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी) और POCSO अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. परिवार के मुताबिक, उनके लिए केस लड़ना बहुत मुश्किल था क्योंकि गांव में गोंड का काफी प्रभाव था.

केस वापस लेने का दबाव

मुकदमे के दौरान रामदुलार का राजनीतिक करियर आगे बढ़ रहा था. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में रामदुलार गोंड ने दुद्धी सीट जीत ली. पीड़ित परिवार का कहना है कि इससे उन पर दबाव और भी बढ़ गया था. पीड़िता के भाई ने बताया,

"लगभग डेढ़ साल पहले विधायक ने मुझे फोन करवाया था. हमसे मामला वापस लेने के लिए कहा. परिवार के और लोगों को भी फोन आए. एक बार तो मेरी बहन को भी फोन किया और उससे कहा कि वो हमें केस वापस लेने के लिए मनाए. उसके विधायक बनने के बाद हम लोग और डर गए. हमें केस वापस लेने के लिए 25-30 लाख रुपये का भी ऑफर आया, मगर हमने इनकार कर दिया. हमने अदालत को सब बता दिया."

परिवार का ये भी आरोप है कि गोंड ने एक बार नहीं, बल्कि कई बार बच्ची का बलात्कार किया था.

“मेरी बहन तब बच्ची थी. वो डर गई थी क्योंकि उसका (गोंड का) रसूख था. उसने मेरी बहन से कहा था कि अगर उसने परिवार में किसी को बताया, तो वो हम सब को मार डालेगा.”

पीड़ित पक्ष के वकील विकास शाक्य ने आजतक के विधु शेखर मिश्रा से बात की. बताया कि पीड़िता के साथ उन्हें भी केस लड़ने के दौरान कई तरह के दबाव का सामना करना पड़ा.

"रेप से पीड़िता गर्भवती हो गई थी. उसकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट कोर्ट में प्रेषित की गई थी. DNA जांच के लिए भी कहा गया था, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दिया था. दूसरे पक्ष ने इसे आधार बनाकर बचने की कोशिश की. रसूख का इस्तेमाल कर कई तरह से दबाव बनाने की कोशिश की. यहां तक कि पीड़िता के ससुराल जाकर भी धमकियां दी थीं. मगर पीड़ित पक्ष अपनी बात पर अडिग रहा और मुकदमे में लगातार पैरवी करता रहा. सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला हमारे हक में आया."

पीड़ित महिला अब सोनभद्र में नहीं रहती. परिवार का आरोप है कि गोंड के परिवार वाले अब भी उन्हें धमकी दे रहे हैं. कह रहे हैं कि वो बदला लेंगे. 

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