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इस महिला पुलिस अधिकारी ने अपने पति पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप, क्या है पूरा मामला?

DSP Shrestha Thakur की गिनती Uttar Pradesh के चर्चित पुलिस अफसरों में होती रही है. लेकिन उनके साथ इतना बड़ा कथित धोखा हुआ कैसे? और वो उसका पता लगाने से कैसे चूक गईं?

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DSP Shrestha Thakur husband Rohit Raj arrested fake IRS officer fraud
DSP श्रेष्ठा ठाकुर के आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया गया है. (फाइल फोटो: इंस्टाग्राम)
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अरविंद ओझा
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के शामली (Shamli) में तैनात DSP श्रेष्ठा ठाकुर (DSP Shrestha Thakur) ने अपने पति पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में एक मैट्रीमोनियल साइट के जरिए DSP श्रेष्ठा ठाकुर की शादी हुई थी. श्रेष्ठा ने रोहित राज नाम के 2008 बैच के एक IRS अफसर से शादी की थी. बाद में उन्होंने आरोप लगाया कि रोहित की ये पहचान फर्जी है. आरोप ये भी लगा कि रोहित उनके नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं.

Shrestha Thakur के नाम पर ठगी!

शादी के दो साल बाद दोनों का तलाक हो गया. आरोप के अनुसार, इसके बाद भी रोहित DSP के नाम पर ठगी करते रहे. आरोप लगा कि रोहित राज DSP श्रेष्ठा ठाकुर की तैनाती वाले जिलों में जाकर उनके नाम पर ठगी करने लगे. DSP के अनुसार, लोगों से शिकायतें मिलने लगीं. जिसके बाद महिला अधिकारी ने रोहित के खिलाफ केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में जांच चल रही है. अभी तक की जांच में पैसों के धोखाधड़ी की भी बात सामने आई है. आरोप ये भी है कि रोहित ने DSP से भी लाखों रुपयों की ठगी की है. 

ये भी पढ़ें: बीजेपी लीडर को हड़काया, तो हुआ ट्रांसफर, अब इस लेडी अफसर ने दिया है करारा जवाब

आखिर रोहित अपनी पहचान बदलकर शादी करने में सफल कैसे हुआ? दरअसल, साल 2008 में सच में रोहित राज नाम के एक व्यक्ति का चयन IRS के लिए हुआ था. ये बात भी सच थी कि रांची में उसकी तैनाती बतौर डिप्टी कमिश्नर हुई. लेकिन जिस रोहित से DSP की शादी हुई थी, ये वो वाला रोहित नहीं था. यानी कि वो रोहित जिससे DSP की शादी हुई, वो एक अलग व्यक्ति था. और जिस रोहित का IRS के लिए चयन हुआ, वो एक अलग व्यक्ति था. दोनों में बस नाम की समानता थी. इस कारण से सारा उलटफेर हो गया.

कौन हैं Shrestha Thakur?

श्रेष्ठा ठाकुर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने 2012 में UPPSC की परीक्षा पास किया. बकौल श्रेष्ठा कानपुर में पढ़ाई करने के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उन्होंने पुलिस अफसर बनने की ठान ली. उन्होंने बताया कि उस समय कुछ बदमाश लड़कियों को तंग कर रहे थे. श्रेष्ठा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वो खुद पुलिस अफसर बनेंगी.

भाजपा कार्यकर्ता का काटा चलान तो हो गया ट्रांसफर

UPPSC पास करने के बाद श्रेष्ठा ठाकुर DSP बनीं. इसके बाद उत्तर प्रदेश के चर्चित पुलिस अफसरों में उनकी गिनती होने लगी. साल 2017 में वो बुलंदशहर जिले में सर्किल ऑफिसर के पद पर तैनात थीं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के लिए उन्होंने एक भाजपा कार्यकर्ता का चालान काट दिया था. इस पर इतनी बहस हुई कि उन्होंने 5 भाजपा कार्यकर्ताओं को हवालात तक पहुंचा दिया. बात यहीं नहीं रुकी. इसके बाद उनका ट्रांसफर नेपाल बॉर्डर के पास बहराइच जिले में कर दिया गया. इस पर श्रेष्ठा ठाकुर ने एक फेसबुक पोस्ट भी लिखा था जिसकी खूब चर्चा हुई. उन्होंने लिखा था कि जहां भी जाएगा, रौशनी लुटाएगा.. किसी चराग का अपना मकां नहीं होता.

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