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ट्रंप की हत्या की तीसरी साजिश फेल? रैली के बाहर लोडेड गन के साथ संदिग्ध गिरफ्तार

Donald Trump की रैली से एक शख्स को एक लोडेड गन और हैंडगन के साथ गिरफ्तार किया गया है. इस शख्स के पास से फर्जी प्रेस और VIP पास भी मिला है. US पुलिस के मुताबिक यह ट्रंप की हत्या की तीसरी कोशिश हो सकती है.

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डोनाल्ड ट्रंप की रैली से एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
14 अक्तूबर 2024 (Updated: 14 अक्तूबर 2024, 15:22 IST)
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अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (US President election) को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. इस बीच पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) की रैली के बाहर से पुलिस ने एक शख्स को बंदूक और फर्जी पास के साथ गिरफ्तार किया है. रिवरसाइड काउंटी शेरिफ कार्यालय ने बताया कि रैली शुरु होने से कुछ समय पहले कोचेला में एवेन्यू 52 और सेलिब्रेशन ड्राइव के चौराहे के पास एक चेकपॉइंट से एक शख्स को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने संदेह जताया है कि ये ट्रंप के हत्या की तीसरी कोशिश हो सकती है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गिरफ्तार शख्स का नाम वेम मिलर है. उन्हें रैली के एंट्री गेट से आधा मील दूर एक चेकपॉइंट से गिरफ्तार किया गया. रिवरसाइट काउंटी के शेरिफ चाड बियान्को ने बताया कि उसके पास से फर्जी प्रेस और वीआईपी पास बरामद हुआ. जिससे उस पर संदेह हुआ. चाड बियान्को ने आगे बताया,

 वेम मिलर कथित तौर पर पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा था. हमने शायद हत्या की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया है. मिलर के पास से एक लोडेड गन, एक हैंडगन और एक मैगजीन बरामद की गई है.

 आरोपी वेम मिलर को 5 हजार डॉलर की जमानत राशि जमा करने के बाद रिहा कर दिया गया. अब 2 जनवरी 2025 को उन्हें कोर्ट में पेश होना होगा.

कौन है वेम मिलर?

वेम मिलर एक दक्षिणपंथी गुट का हिस्सा है. जो सरकार विरोधी माने जाते हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार मिलर ने UCLA से मास्टर डिग्री ली है. और साल 2022 में नेवादा स्टेट असेंबली का चुनाव लड़ चुका है.

वेम मिलर का छोटे-मोटे कानूनी झगड़ों का लंबा इतिहास रहा है. माना जाता है कि वह संप्रभु नागरिक आंदोलन से जुड़ा हुआ है. थ्योरी(षडयंत्र के सिद्धांतों (कॉन्सपिरेसी थ्योरी) पर आधारित यह अति-दक्षिणपंथी समूह दावा करता है कि सरकारों के पास उन पर कोई वैध अधिकार नहीं है. FBI ने इन्हें सरकार विरोधी अतिवादी के रुप में चिह्नित किया है. ये लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं. फिर भी खुद को देश से अलग या संप्रभु मानते हैं.

ये भी पढ़ें - 'आज तक एक डायपर भी नहीं बदला होगा...', ओबामा ने ट्रंप को बहुत कुछ कह डाला

ट्रंप पर पहले भी हो चुके हैं हमले

इस साल 13 जुलाई को डॉनल्ड ट्रंप पर हमला किया गया था. जिसमें वे बाल-बाल बचे थे. पेंसिलवेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान एक गोली उनके कान को छूती हुई निकल गई थी. इस हमले में ट्रंप को चोट आई थी. उन पर हमला करने वाले शख्स की पहचान थॉमस क्रुक्स के रूप में हुई थी. जिसे एक सीक्रेट सर्विस के स्नाइपर ने गोली मार दी थी.

इसके कुछ दिनों बाद 16 सितंबर को भी डॉनल्ड ट्रंप को निशाना बनाया गया था. जब वे फ्लोरिडा के गोल्फ कोर्स एरिया में गोल्फ खेल रहे थे. इस मामले में पुलिस ने रायन वेस्ली राउथ नाम के हमलावर को गिरफ्तार किया था.

वीडियो: दुनियादारी: डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करने वाले का पुतिन से कनेक्शन पता चला!

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