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ट्रंप के तीसरी बार प्रेसिडेंट बनने में रोड़ा है ये कानून, क्या संविधान बदलने की तैयारी है?

Donald Trump अपने साथी रिपब्लिकंस को संबोधित कर रहे. इसी दौरान उन्होंने अपने तीसरे टर्म और संविधान के प्रावधान की ओर इशारा किया.

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Donald Trump Hints At Constitution Breaking 3rd Term As President
ट्रंप तीसरे कार्यकाल के बारे में भी सोच रहे हैं. (PHOTO-आजतक)
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मानस राज
14 नवंबर 2024 (Published: 09:22 IST)
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अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप अगले राष्ट्रपति बनने वाले हैं. बतौर प्रेसिडेंट, ये उनका दूसरा कार्यकाल होने वाला है. ट्रंप अपने साथी रिपब्लिकंस को सम्बोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि वो तीसरे कार्यकाल के बारे में भी सोच रहे हैं.

अपनी स्पीच के दौरान ट्रंप ने कहा 

"मुझे इस बात पर संदेह है कि मैं फिर से चुनाव में उतरुंगा. पर अगर आप लोग कहें कि मैं ये कर सकता हूं  तो मैं इस बारे में सोचूंगा और कोई रास्ता तलाश कर सकता हूं."

ट्रंप ने ये स्टेटमेंट वाशिंगटन के एक होटल में दिया. ख़ास बात ये है कि ये बयान उन्होंने प्रेसिडेंट जो बाइडन से मुलाक़ात के तुरंत बाद दिया.

तीसरा टर्म 

अमेरिका का संविधान किसी भी व्यक्ति को तीन बार प्रेसिडेंट बनने से रोकता है. अमेरिकी संविधान में ऐसे प्रावधान हैं जो किसी भी प्रेसिडेंट को तीसरी बार चुनाव में उतरने से रोकते हैं. पर ये प्रावधान कितने मजबूत हैं? क्या वाकई डॉनल्ड ट्रंप 2028 में तीसरी बार राष्ट्रपति पड़ के दावेदार हो सकते हैं?

22वां संशोधन 

अमेरिकी संविधान का 22वां संशोधन किसी भी राष्ट्रपति को तीसरे कार्यकाल से रोकता है. तो अगर ट्रंप तीसरी बार दावेदारी करना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें इस संशोधन को हटाना होगा. पर ये करना बिल्कुल भी आसान नहीं है. इसके लिए उन्हें न सिर्फ कांग्रेस बल्कि राज्यों का भी समर्थन चाहिए होगा. अब ये कुछ ऐसी चीज़ है जिसे करना ट्रंप के लिए वाकई मुश्किल है. और ये सभी राष्ट्रपतियों पर लागू है, भले वो 2 बार लगातार प्रेसिडेंट रहे हों या अलग-अलग कार्यकाल में 2 बार रहे हों.

अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन को 1951 में लाया गया था. तब इसके लिए रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स, दोनों ने मांग उठाई थी. और इसकी वजह थे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूज़वेल्ट. वो चार बार अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जा चुके थे. 1945 में अपने चौथे कार्यकाल के दौरान ही उनकी मौत हो गई थी. इस चार कार्यकाल वाले राष्ट्रपति को देखते हुए अमेरिकंस ने तय किया कि एक ऐसा कानून बनाया जाए जो किसी निश्चित कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति बनाए. अब चूंकि अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जॉर्ज वाशिंगटन 2 बार राष्ट्रपति रहे थे, लिहाजा अमेरिकंस ने इसी को मानते हुए 2 कार्यकाल का नियम बनाया.

तीसरी बार, राह मुश्किल 

अगर ट्रंप तीसरी बार मैदान में उतरना चाहते हैं तो उन्हें दोनों सदनों में 67 प्रतिशत बहुमत चाहिए होगा. अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 435 सदस्य हैं. ट्रंप को इसमें से 290 का समर्थन चाहिए होगा. इसी तरह सीनेट के 100 सदस्यों में से ट्रंप को 67 सदस्यों का समर्थन हासिल करना होगा. पर बात यहीं तक होती तो शायद ट्रंप ऐसा कर भी पाते. पर ऐसा है नहीं. इन दोनों के बाद ट्रंप को हर राज्य में इस प्रस्ताव को तीन-चौथाई बहुमत से पास करवाना होगा.

वीडियो: दुनियादारी: इज़रायल कैसे करेगा वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा? डॉनल्ड ट्रंप का रोल क्या होगा?

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