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'एक भी शब्द समझ में नहीं आया...', DMK सांसद ने केंद्रीय मंत्री की हिंदी में लिखी चिट्ठी का जवाब तमिल में दिया

कुछ महीने पहले पुदुक्कोट्टई एमएम अब्दुल्ला ने राज्यसभा में ट्रेनों में खाने की क्वालिटी और साफ-सफाई को लेकर कुछ सवाल उठाए थे. उसी संबंध में केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने अब्दुल्ला को हिंदी में लेटर भेजा था.

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dmk mp pudukkottai mm abudullah replies to union minister hindi letter in tamil didnt understand a word
राज्यसभा सांसद पुदुक्कोट्टई एमएम अब्दुल्ला (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)
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ज्योति जोशी
26 अक्तूबर 2024 (Published: 16:38 IST)
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DMK के राज्यसभा सांसद पुदुक्कोट्टई एमएम अब्दुल्ला और केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बीच चिट्ठी की भाषा को लेकर विवाद हो गया है (DMK Leader Tamil Reply to Hindi Letter). 25 अक्टूबर को अब्दुल्ला ने रवनीत सिंह को उनके हिंदी में लिखे लेटर का जवाब तमिल में लिखकर भेजा. उन्होंने लिखा कि उन्हें चिट्टी में एक शब्द भी समझ नहीं आया.

दरअसल, कुछ महीने पहले अब्दुल्ला ने राज्यसभा में ट्रेनों में खाने की क्वालिटी और साफ-सफाई को लेकर कुछ सवाल उठाए थे. उसी संबंध में केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने अब्दुल्ला को जवाब भेजा. लिखा कि,

प्रिय अबदुल्ला जी, आपको याद होगा कि आपने राज्यसभा में रेलवे में खाने की क्वॉलिटी और गाड़ियों-स्टेशनों पर अनधिकृत बिक्री को रोकने के संबंध में मामला उठाया था. मामले की जांच कारवाई गई है. आशा है कि आप स्थिति से सहमत होंगे.

इसके बाद अब्दुल्ला ने 25 अक्टूबर को मामले पर एक पोस्ट किया. उसमें उन्होंने रवनीत सिंह के हिंदी में लिखे लेटर और उसके जवाब में तमिल में लिखे अपने लेटर की फोटो शेयर की. तमिल में लिखा,

रेल राज्य मंत्री के ऑफिस का लेटर हमेशा हिंदी में होता है. मैंने उनके ऑफिस में तैनात अधिकारियों को फोन किया और कहा कि मुझे हिंदी नहीं आती और कृपया अंग्रेजी में लेटर भेजें. मैंने इस तरह जवाब भेजा है कि वो समझ सके और उस हिसाब से काम कर सकें.

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फोटो- X

ये भी पढ़ें- CM स्टालिन का PM मोदी को पत्र, "जहां हिंदी नहीं चलती वहां उसके कार्यक्रम भी ना हों"

इससे पहले 2022 में भी DMK पार्टी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए हिंदी थोपने का आरोप लगाया था. तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया था कि हिंदी को अंग्रेजी के विकल्प के तौर पर स्वीकार किया जाना चाहिए. तब DMK अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा था कि हिंदी को जबरदस्ती थोपने की कोशिश से देश की अखंडता को नुकसान पहुंचेगा. इस साल  18 अक्टूबर को भी स्टालिन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी के कार्यक्रम ना आयोजित किए जाएं.

वीडियो: वो मौका जब Ratan Tata ने कांपती आवाज़ में हिंदी में भाषण दिया

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