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'दर्द से कराहते रहे लोग, पुलिसवालों ने लात मारी और राष्ट्रगान गाने को कहा', दिल्ली दंगे में 2 पुलिसवालों के खिलाफ जांच शुरू

2020 Delhi Riots: दिल्ली पुलिस पर फैजान को पीटने, उसे अवैध रूप से हिरासत में रखने और स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करने का आरोप लगा है. इस घटना का एक वीडियो सामने आया था. इसमें जमीन पर पड़े कुछ लोग दर्द से कराह रहे थे. कुछ पुलिसवाले कथित रूप से उन्हें लात मारते हुए 'वंदे मातरम' और 'राष्ट्रगान' गाने को कहते हैं.

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Delhi Riots
दिल्ली दंगे के दौरान फैजान की मौत हो गई थी. (फाइल फोटो: PTI)
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रवि सुमन
25 जुलाई 2024 (Updated: 25 जुलाई 2024, 12:56 IST)
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साल 2020. उत्तर-पूर्वी दिल्ली (2020 Delhi Riots) में दंगे हुए. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो पुलिसवालों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है. इस दंगे के दौरान फैजान समेत 5 लोगों की पिटाई का मामला सामने आया था. बाद में फैजान की मौत हो गई. दिल्ली पुलिस पर इन लोगों को पीटने का आरोप लगा. आरोप सिर्फ पिटाई करने का ही नहीं लगा. इस घटना का एक वीडियो सामने आया. इसमें देखा गया कि कुछ लोग जमीन पर पड़े हैं और दर्द से कराह रहे हैं. ‘दंगा रोधी वर्दी’ पहने पुलिसकर्मी कथित तौर पर उनलोगों को लात मारते हैं और ‘वंदे मातरम’ और ‘राष्ट्रगान’ गाने के लिए मजबूर करते नजर आते हैं.

दिल्ली पुलिस ने विभागीय जांच के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है,

"इस आपराधिक मामले की जांच के दौरान सबूतों को जमा किया गया. इसके आधार पर प्रथम दृष्टया दो पुलिसकर्मियों का लोकेशन घटनास्थल पर फिक्स पाया गया. हालांकि, जांच के दौरान उन्होंने लगातार इस तथ्य से इनकार किया. और मामले की जांच में सहायता नहीं की है. ये मामला घोर कदाचार और गैर-पेशेवर आचरण का है. और ये एक पुलिस अधिकारी के लिए अशोभनीय है."

ये भी पढ़ें: दिल्ली दंगा केस में हिंदू-मुस्लिम एकसाथ आरोपी, कोर्ट ने कहा- अलग-अलग सुनवाई करेंगे

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस केस की जांच कर रहे डिप्टी कमिश्नर (दक्षिण-पूर्व) राजेश देव ने विभागीय जांच की पुष्टि की है. उन्होंने बताया है कि दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया गया है.

CBI को जांच का आदेश

2020 दंगे के दौरान, 23 साल की उम्र में फैजान की मौत हुई थी. 23 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को फैजान की मौत की जांच का निर्देश दिया. फैजान की मां किस्मतुन ने अदालत की निगरानी में SIT जांच की मांग की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि फैजान को कर्दमपुरी में ‘टारगेट किया गया और उस पर बेरहमी से हमला किया गया. आरोप के अनुसार, पुलिसवालों ने उसे घायल किया. बाद में 24 और 25 फरवरी 2020 के बीच ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में घायल हालत में उसे कथित तौर पर ’अवैध रूप से हिरासत में' रखा गया. याचिका में दावा किया गया कि उसे उचित समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई. इसके कारण बाद में एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.

CCTV का का नहीं कर रहा था

हाई कोर्ट ने फरवरी 2021 में पुलिस को एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ये पता लगाया जाए कि जिस दिन फैजान को हिरासत में लिया गया था, उस दिन ज्योति नगर पुलिस स्टेशन में CCTV काम कर रहे थे या नहीं? हालांकि, दिल्ली पुलिस ने जवाब में कहा था कि तकनीकी खराबी के कारण 24 फरवरी से 4 मार्च 2020 के बीच CCTV काम नहीं कर रहे थे.

जनवरी 2022 में पुलिस ने हाई कोर्ट में कहा कि उन्होंने इस मामले में एक हेड कांस्टेबल की पहचान कर ली है. लेकिन उसने अपनी संलिप्तता से इनकार किया है.

वीडियो: दिल्ली दंगा: कपिल मिश्रा ने पुलिस से कहा, 'मैंने कोई भाषण नहीं दिया था'

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