Delhi-NCR में खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण, कई जगह AQI 800 के पार
3 नंवबर की सुबह को दिल्ली का ओवरऑल AQI 346 दर्ज किया गया. ये 'बहुत खराब' कैटेगरी में आता है.
दिल्ली-NCR की हवा और ज्यादा प्रदूषित हो गई है (Delhi NCR Air Pollution). कई इलाकों में AQI 800 के पार पहुंच चुका है. डेटा के मुताबिक, मुंडका में 805 AQI दर्ज किया गया. नोएडा, RK पुरम, रोहिणी और आनंद विहार में AQI 700 से ऊपर पहुंच चुका है. बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी और प्राइवेट प्राइमरी स्कूल बंद करने की घोषणा की है.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा,
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली के सभी सरकारी और निजी प्राथमिक स्कूल अगले 2 दिनों (3 और 4 नवंबर) तक बंद रहेंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 नंवबर की सुबह को दिल्ली का औसत AQI 460 दर्ज किया गया. ये 'बहुत खराब' की कैटेगरी में आता है. मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी में अगले तीन दिनों तक हलका कोहरा छाए रहने का अनुमान है.
क्या कदम उठाए जा रहे हैं?दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में गैर-जरूरी निर्माण गतिविधियों और BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया गया है. लोग कार छोड़कर मेट्रो का इस्तेमाल करें, इसके लिए दिल्ली मेट्रो की 20 एक्स्ट्रा ट्रिप्स का ऐलान किया गया है. सड़कों की सफाई मशीन से की जाएगी. धूल दबाने के लिए हर रोज मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव किया जाएगा. पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग के काम, निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग, पत्थर तोड़ने, खनन और संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा.
हर साल दिल्ली का प्रदूषण 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच चरम पर होता है. वो वक्त जब पंजाब और हरियाणा के किसान ज्यादा पराली जलाते हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बताया कि इस साल 15 सितंबर के बाद से पंजाब और हरियाणा, दोनों राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है लेकिन पिछले कुछ दिनों में ये तेजी से बढ़ी हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, CAQM (Commission for Air Quality Management) ने बताया कि प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां, खेतों में आग लगाने की घटनाओं में बढ़ोतरी और दिल्ली में प्रदूषकों (Pollutants) को ले जाने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं बढ़ते AQI का प्रमुख कारण हैं.
सेहत पर क्या असर?>0-50 - गुड. इतने AQI पर आपके स्वास्थ्य पर न्यूनतम असर पड़ेगा.
>51-100 - माने सैटिसफैक्ट्री. जिन्हें प्रदूषण से जल्द तकलीफ हो जाती है, उन्हें इतने AQI में सांस लेने में कुछ तकलीफ हो सकती है.
>101-200 - मॉडरेट. फेफड़े या दिल के मरीज़ या जिन्हें अस्थमा हो, उन्हें इतने AQI पर सांस लेने में तकलीफ होती है.
>201-300 - पुअर. ज़्यादा देर ऐसी हवा में रहने पर हर किसी को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. माने स्वस्थ लोगों के लिए भी इस हवा में रहना मुश्किल है.
> 301-400 - वेरी पुअर. इस हवा में लंबे समय तक रहने पर सांस की बीमारी हो जाती है.
> 401-500 - सिवियर. इस हवा में स्वस्थ लोगों पर असर होता है. जिन्हें पहले से सांस या दिल की बीमारी है, उनपर गंभीर असर होता है.
अब आप इलाकों के AQI के हिसाब से अंदाज लगाते जाइए कि यहां रहने वाले लोगों पर कितना गंभीर असर हो सकता है.
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