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मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत का मामला, अब तक क्या पता चला है?

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस हफ्ते 3 दिनों में 10 हाथियों की मौत हो चुकी है. इन मृत हाथियों के पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा के साथ-साथ टॉक्सिन होने की बात सामने आई है.

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bandhavgarh tiger reserve death of ten elephants
इन दस हाथियों में से एक नर और नौ मादा थीं. (सांकेतिक तस्वीर: आजतक)
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सुरभि गुप्ता
3 नवंबर 2024 (Updated: 3 नवंबर 2024, 20:02 IST)
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मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस हफ्ते 10 हाथियों की मौत हुई है. शुरुआती जांच के आधार पर माना जा रहा है कि इन हाथियों की मौत टॉक्सिन यानी जहर के कारण हो सकती है. हालांकि, हाथियों की मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए राज्य सरकार के अलावा केंद्र सरकार की ओर से भी जांच कराई जा रही है. 

मध्यप्रदेश सरकार की ओर से भी 5 सदस्यों की एक टीम इस मामले की जांच कर रही है. वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने भी जांच शुरू की है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो  (WCCB) ने इसकी जांच के लिए एक टीम बनाई है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में इस हफ्ते 3 दिनों में 10 हाथियों की मौत हो चुकी है. इस टाइगर रिजर्व के सलखनिया बीट के पतौर और खियातुली रेंज में 29 अक्टूबर को 4 हाथियों की मौत का पता चला था. आस-पास के इलाकों की और तलाशी लेने पर 6 और हाथी बीमार या बेहोश पाए गए. इन बीमार हाथियों का इलाज शुरू किया गया. 

हालांकि, 30 अक्टूबर को इनमें से 4 बीमार हाथियों की मौत हो गई. इसके अलावा, लगातार दवा और इलाज के बाद भी, बाकी के दो बीमार हाथियों की भी 31 अक्टूबर को मौत हो गई. इन दस हाथियों में से एक नर और नौ मादा थीं. इन मृत हाथियों में से 6 किशोर और 4 वयस्क हाथी थे.

ये भी पढ़ें- जंगली हाथी देख सेल्फी लेने लगा, पता ही नहीं चला वो कब पास आ गया, पटक-पटक कर मार डाला

14 जानवरों के डॉक्टरों ने इन दस मृत हाथियों का पोस्टमॉर्टम किया. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के पेट में भारी मात्रा में कोदो बाजरा के साथ-साथ टॉक्सिन होने की बात सामने आई. ऐसा कहा जा रहा है कि 13 हाथियों के झुंड ने जंगल के आसपास कोदो बाजरा की फसल पर ही धावा बोला था. पोस्टमॉर्टम के बाद विसरा को जांच के लिए बरेली (यूपी) के इज्जतनगर स्थित IVRI (भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान) और सागर (मध्यप्रदेश) के फॉरेंसिक लैब भेजा गया है. 

वहीं मध्यप्रदेश सरकार की ओर से बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व भेजी गई हाई लेवल टीम को इस मामले में किसी भी तरह के षड्यंत्र का पता नहीं चला है. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक टीम के एक सदस्य ने 2 नवंबर को ये जानकारी दी. राज्य सरकार की ओर से इस मामले की जांच के लिए बनाई गई टीम की रिपोर्ट तीन-चार दिनों में आ जाएगी.

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