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अब कांग्रेस के उदित राज ने CJI चंद्रचूड़ को घेरा, बोले, "... और मुद्दों पर भी ईश्वर से प्रार्थना कर लेते"

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि अयोध्या मामले में फैसला सुनाने से पहले उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी. इस पर उदित राज ने तंज कसा है.

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CJI
कांग्रेस नेता उदित राज और मुख्यन्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़. (India Today)
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सौरभ
21 अक्तूबर 2024 (Updated: 21 अक्तूबर 2024, 17:03 IST)
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कांग्रेस नेता उदित राज ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पर तंज कसा है. CJI ने कहा था कि अयोध्या राम जन्मभूमि मामले पर फ़ैसला सुनाने से पहले उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी. अब इस पर उदित राज ने कहा है कि CJI ने दूसरे मामलों के लिए भी प्रार्थना की होती तो कई मुद्दे हल हो गए होते और लोगों को न्याय मिलता. उन्होंने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा,

“मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ जी ने कहा कि अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए भगवान से प्रार्थना की थी. कुछ और मुद्दों पर प्रार्थना करते तो उनका भी समाधान हो जाता. जैसे एक आम आदमी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से बिना पैसे के न्याय ले पाता. ED, CBI और IT का दुरुपयोग बंद हो जाता.”

बतौर CJI चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नंवबर को पूरा हो रहा है. न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, 20 अक्टूबर को CJI पुणे में अपने पैतृक गांव कानहेरसर में लोगों को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने कहा,

“अक्सर हमारे पास मामले आते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुंच पाते. अयोध्या मामले (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था. मैं भगवान के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें समाधान खोजना होगा. मेरा विश्वास करिए. अगर आपकी आस्था है, तो भगवान हमेशा कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं.”

सीजेआई की इस बात पर सपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव भी खासे नाराज नजर आए. उन्होंने तो देश के मुख्य न्यायाधीश के लिए अपशब्द तक कह दिया. राम गोपाल यादव से जब सीजेआई के अयोध्या वाले बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा,

"हमें उस पर कोई कॉमेंट नहीं करना है. ये छोड़ो...क्यों इस तरह की...जो...जब भूतों को जिंदा करते हो...मुर्दों को, तो वो भूत बन जाते हैं...पीछे पड़ जाते हैं. अब भी बाबरी मस्जिद और मंदिर दिख रहा है? छोड़ो यार...वो तो, जो (आपत्तिजनक शब्द) सभा में इसी तरह की बातें कहते रहते हैं. क्या मुझे इसका नोटिस लेना चाहिए?"

दरअसल, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद लंबे समय से चला आ रहा कानूनी और राजनीतिक मुद्दा था. 9 नवंबर, 2019 को तत्कालीन CJI रंजन गोगोई की अगुआई में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इस पर फ़ैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन नामित करते हुए, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी थी. 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा का समारोह हुआ था. इसी साल जुलाई में CJI चंद्रचूड़ अयोध्या में राम मंदिर गए थे. वहां उन्होंने पूजा-अर्चना भी की थी.

वीडियो: "सरकार के साथ खड़े हैं" CJI चंद्रचूड़ ने किन मामलों के लिए ऐसा कहा?

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